Home राज्य उत्तर प्रदेश दस सालों से तहसील में जमे बैठे हैं राजस्व कर्मी

दस सालों से तहसील में जमे बैठे हैं राजस्व कर्मी

दस सालों से तहसील में जमे बैठे हैं राजस्व कर्मी, पट्टे सरकारी ताल तलैया और पर्ती व सीलींग की भूमि पर लगा रहे ग्रहण

विशाल भारद्वाज

लखीमपुर खीरी । उत्तर प्रदेश योगी सरकार में इन दिनों विभागों में बैठे वर्षों से तैनात अधिकारियों व कर्मचारियों पर स्थानांतरण की कार्रवाई करते हुए जिला बदर किया जा रहा है लेकिन सरकार की नीतियों पर तमाम विभागों में बैठे अधिकारी व कर्मचारी ग्रहण लगाने का भी काम कर रहे हैं आपको बता दें कि पलिया तहसील क्षेत्र में तैनात करीब दर्जनों से अधिक लेखपाल ऐसे हैं जिनकी 10 साल से एक ही जगह पर तैनाती हैं और वह पलिया तहसील क्षेत्र गांव में इधर से उधर बड़े-बड़े फंडे और खेल भी विभिन्न गांवों की भूमि में कर रहे है वही हर गांव के फरियादी तहसील समाधान दिवस में तमाम प्रार्थना पत्र लेकर आते हैं और अधिकारी इन्हीं राजस्व कर्मियों को तमाम कागज दस्तावेजों की जांच करने के लिए देते हैं जिसमें राजस्व विभाग के कर्मचारियों की अहम भूमिका होती है लेकिन बरसों से तैनात राजस्व कर्मी की मिलीभगत के चलते ना तो उस फरियाद की कोई सुनवाई होती है और तो और उन फरियादियों की रिपोर्ट भी फर्जी तरीके से लगाकर शासन प्रशासन को अवगत करा दिया जाता है दर्जनों सालों से तैनात राजस्व कर्मियों का स्थानांतरण ना होना कहीं ना कहीं तहसील प्रशासन के ऊपर सवाल खड़ा करता है सूत्रों से मिली जानकारी में यह भी बताया गया है कि गांव में हुए सरकारी भूमि या फिर दस्तावेजों में बड़े बडे खेल व भ्रष्टाचारी में ऐसे राजस्व विभाग के कर्मचारियों की एक हल्के से हटाकर दूसरे हल्के में कुछ दिनों के लिए ड्यूटी लगा दी जाती है लेकिन जैसे ही मामला ओझल होता है फिर वहीं राजस्व विभाग के विवादित कर्मचारियों की ड्यूटी फिर से उसी गांव में लगा दी जाती है सूत्रों से मिली जानकारी में कुछ गांव वालों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया है कि जिन जिन गांव में राजस्व विभाग के 10 सालों से कर्मचारी तैनात हैं अगर उनकी सही तरह से उच्च स्तरीय जांच की जाए तो तमाम भ्रष्टाचार और सम्मिलित उन लोगों की पोल खुल जाएगी जो बड़े-बड़े सरकारी भूमि ताल तलैया पर्ती व सीलीग की भूमि में जमकर भ्रष्टाचारी की है लेकिन विभागों में बैठे नवागत अधिकारी इन कर्मचारियों की और ध्यान ना देकर सिर्फ अपने कामों तक ही सीमित रह जाते हैं लेकिन जिस तरह से 10 वर्षों तैनात राजस्व कर्मचारियों की लखनऊ के अधिकारी जांच पड़ताल करें तो जिले के सबसे बड़े घोटाले और इसके पीछे छुपे नामचीन हस्तियों के चहरे सामने आ जाएंगे जो बैठकर मलाई चाटने में लगे हुए हैं।

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