विशाल भारद्वाज
लखीमपुर खीरी । लेखपाल कैलाश वर्मा का भ्रष्टाचार इतने चर्म पर पहुंच चुका है जिसका अंदाजा लगाया जाना मुश्किल है क्योंकि लेखपाल कैलाश वर्मा के सहयोगी लेखपाल राजेश शुक्ला नायब तहसीलदार शिरीष त्रिपाठी जी मुख्यमंत्री पोर्टल पर की गई शिकायतों पर इस कदर फर्जी आख्या लगा रहे हैं जिससे प्रतीत होता है कि कैलाश वर्मा के साथ साथ राजेश शुक्ला और नायब तहसीलदार ने मुख्यमंत्री योगी जी की छवि को धूमिल करने का ठेका ले रखा हो इन दोनों अधिकारियों का खुले तौर पर कहना है लेखपाल कैलाश वर्मा तुम भ्रष्टाचार करो सरकार को लूटो गरीबों को लूटो खुद खाओ और हमे भी खिलाओ ये तो सिर्फ मुख्यमंत्री की शिकायत हैं अगर प्रधानमंत्री तक शिकायत चली जाए तो टेंशन मत लेना हम लोग बचा लेगे आपको बताते चलें कि मुख्यमंत्री को दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया कि लेखपाल कैलाश वर्मा ने सैधरी मे रहते हुए ग्राम सैधरी की गांटा संख्या 372/0.081 हैं जिसको अपर जिलाधिकारी द्वारा अवैध पट्टा मानते हुए निरस्त कर दिया था फिर भी लेखपाल कैलाश वर्मा द्वारा अपर जिलाधिकारी का आदेश ना मानते हुए भूमिधर घोषित कर दिया और नायब तहसीलदार द्वारा आख्या लगाई गई उत्तराधिकार के मामले में जिससे प्रतीत होता है कि लेखपाल कैलाश वर्मा के भ्रष्टाचार की जडे कहा तक फैली हुई है अब देखना यह दिलचस्प हो गया है कि शासन प्रशासन लेखपाल कैलाश वर्मा के साथ साथ लेखपाल के सहयोगियों पर क्या कार्यवाही करता है जो भविष्य के गर्भ में।