निस्वार्थ सेवा संस्थान ने पूरा किया 1600 दिनों का सफर
दिल में हमने ठान लिया है
जीवन का मकसद जान लिया है
मानवता को पहचान लिया है
निस्वार्थी ही है हमारा धर्म,
हमने ये मान लिया है
इन्हीं लाइनों को अपनी रग रग में बसाकर ,निस्वार्थ सेवा संस्थान के वीरों ने अपने रोटी बैंक के 1600 दिन पूरे कर लिए हैं। राह में आए हुए बहुत से कठिन पड़ावों को पार कर ये सफर पूरा किया गया है।संस्था के अध्यक्ष सुनील अग्रवाल जी ने जानकारी देते हुए बताया कि रोटी बैंक का सफर दिसंबर 2017 से शुरू हुआ था। शुरुआत में जगह जगह घूमकर और रोटी के पैकेट घर पर तैयार कराकर और बांटकर इसका आरंभ हुआ था।समय के साथ निस्वार्थ सेवा संस्था को गांधी पार्क तिराहे की जगह अपना भोजन बांटने के लिए आवंटित कर दी गई, जहां हमने लोगों को बिठाकर अपने हाथों से परोसकर भोजन कराया। कोविड के बाद से लोगों को खाने के पैकेट देने शुरू किए गए जिसके साथ मिठाई भी दी जाती है।
खाने के पैकेट के साथ ही समय समय पर लोगों को उनकी जरूरत का सामान भी उपलब्ध कराया जाता है।
संस्था द्वारा रोटी बैंक के अलावा गरीब कन्याओं की विवाह में योगदान,अज्ञात शवों का दाह संस्कार, गौ सेवा,छोटे बच्चों को पठन पाठन सामग्री उपलब्ध कराना,मूक पशु सेवा,रक्तदान,स्कूलों में टॉय रूम बनाना आदि भी किए जाते हैं। सभी कार्यकारणी ने हाथरस के जन सामान्य का उनके प्यार और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया साथ ही आगे भी ऐसे ही सहयोग की अपेक्षा की है।
संस्था के रोटी बैंक पर सुनील अग्रवाल (अध्यक्ष),नीरज गोयल (सचिव), सीए प्रतीक अग्रवाल (कोषाध्यक्ष),प्रवक्ता हिमांशु गौड,मीडिया प्रभारी नितिन अग्रवाल,संस्था मंत्री चंद्रप्रकाश अग्रवाल, सहसचिव वैभव अग्रवाल, सह मीडिया प्रभारी टिंकू सिंह राणा, सदस्य ध्रुव कोठीवाल,शुभम मित्तल,सुभाष उपाध्याय, सारांश टालीवाल,प्रेम पोद्दार,रितिक बंसल,अवधेश कुमार,दीपांशु वार्ष्णेय,जयंत रावत,अमन बंसल,जय अरोरा,आदि उपस्थित रहते हैं।