अमेरिकी सांसद ने भविष्य की तकनीक में भी भारत के साथ सहयोग की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को साथ मिलकर भविष्य की तकनीक के नियम और शर्तें निर्धारित करनी चाहिए। अमेरिका के वरिष्ठ सीनेटर चक शूमर का कहना है कि चीन के खिलाफ अमेरिका को जैसा साझेदार चाहिए, भारत उस भूमिका के लिए एकदम सटीक है। शूमर ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी भी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के अधिनायकवाद के खिलाफ दुनिया के दो बड़े लोकतंत्रों के साथ काम करने की जरूरत बता चुके हैं।
बता दें कि हाल ही में अमेरिका के सीनेटर्स का एक प्रतिनिधिमंडल भारत, पाकिस्तान, जर्मनी और इस्राइल के दौरे कर अमेरिका लौटा है। चक शूमर ने ही इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था।
चक शूमर ने कहा कि हमने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अहम संदेश दिया, जिसमें भारत और अमेरिका को चीन के खिलाफ एक दूसरे का साथ देने की जरूरत बताई गई। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और भारत काफी युवा देश है और आने वाले समय में वह तेजी से विकास करेगा।
शूमर ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि अगर हमारे लोकतंत्रों को इस सदी में साथ में समृद्ध होना है तो हमें साथ मिलकर काम करना पड़ेगा। हमें ना सिर्फ अपने रक्षा सहयोग को मजबूत करने की जरूरत है बल्कि हमें साथ में अपने आर्थिक संबंधों और व्यापार में भी सहयोग बढ़ाना पड़ेगा।
अमेरिकी सांसद ने भविष्य की तकनीक में भी भारत के साथ सहयोग की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को साथ मिलकर भविष्य की तकनीक के नियम और शर्तें निर्धारित करनी चाहिए। अब दुनियाभर के लोकतंत्र चीन से कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम कंप्यूटिंग, अक्षय ऊर्जा, आधुनिक सेमीकंडक्टर मैन्यफैक्चरिंग आदि क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका समेत दुनिया के सभी लोकतांत्रिक देशों को यह कोशिश करनी चाहिए कि ये तकनीक समृद्धि की वाहक बने ना कि निरंकुश शासन के हथियार।
अमेरिकी सांसद ने कहा कि चीन अपने लोगों की जासूसी के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का इस्तेमाल कर रहा है। शूमर ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत अतुल्नीय है और उन्होंने अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की भी तारीफ की।