हाथरस में जनमानस को दिया निरंकारी मिशन का आध्यात्मिक संदेश
वास्तविक आनन्द की प्राप्ति परमात्मा की जानकारी से ही संभव
हाथरस। संत निरंकारी मिशन का आध्यात्मिक संदेश मंगलवार को हाथरस के विभिन्न क्षेत्रों में दिया गया। इस मौके पर मथुरा से आए निरंकारी भक्तों ने सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का दिव्य संदेश जनमानस तक पहुंचाया।
निरंकारी प्रतिनिधि किशोर स्वर्ण ने बताया कि सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के प्रेरक मार्गदर्शन में संत निरंकारी मिशन मानवता की खुशबू से सारे जगत को सुगंधित कर रहा है। इसी कड़ी में हाथरस के खाती खाना में मंगलवार को मथुरा से आए जोनल इंचार्ज संत हरविंद्र कुमार अरोड़ा की अध्यक्षता में आध्यात्मिक सत्संग का आयोजन किया गया।
संत हरविंद्र कुमार ने सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज का दिव्य संदेश देते हुए कहा कि मानव को वास्तविक सुख एवं आनन्द की प्राप्ति परमपिता परमात्मा की जानकारी द्वारा ही संभव है। जीवन में परमपिता परमात्मा की जानकारी प्राप्त करना अनिवार्य है क्योंकि मानव जीवन ही एकमात्र ऐसा जीवन है जिसमें परमात्मा की प्राप्ति संभव है। उन्होंने कहा कि सत्गुरू माता सुदीक्षा जी समस्त मानवमात्र को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि परमात्मा कण-कण में व्याप्त है। इसका अस्तित्व हर ओर है। हम सब प्रभु की ही संतान है अतः प्रभु से जुड़कर ही हमारा जीवन वास्तविक रूप में सफल बन सकता है। अन्यथा यह निरर्थक ही रह जायेगा। हमें जब इस परमात्मा का बोध हो जाता है तब हमारे मनो में हर एक के लिए एकत्व ,प्रेम, भाईचारे का भाव ही आता है।
जोनल इंचार्ज श्री हरविंद्र कुमार ने निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज के रूहानियत और इंसानियत के संदेश का जिक्र करते हुए कहा कि हमारा व्यक्तित्व ही हमें श्रेष्ठ बनाता है न की हमारा खानपान और पहनावा। इसलिए हमें सभी में परमात्मा के दर्शन करने चाहिए क्योंकि हम सब एक परमपिता की ही संतान है। हमें किसी के प्रति निंदा, वैर नही रखना चाहिए अपितु सबके प्रति आत्मीयता का भाव अपनाते हुए प्रेमपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। एक ब्रह्मज्ञानी का जीवन सदैव निर्मल, स्वच्छ, शीतल जल की भांति होता है जो अपने कोमल स्वभाव से औरों के लिए प्रेरणा का श्रोत बनता है। हम सभी ने ऐसा ही सुंदर जीवन जीना है। उन्होंने कहा कि हर परिवार में प्रेममय वातावरण हो तो सारे क्लेश खत्म हो जाएंगे।
- इस मौके पर हाथरस सिटी, हाथरस देहात सहित सादाबाद और मथुरा से आए वक्ता महात्माओं ने गीत-भजन और विचारों के माध्यम से रूहानियत और इंसानियत का भाव व्यक्त किया। इसमें हाथरस सिटी के मुखी देवेंद्र सिंह, हाथरस देहात के मुखी विजयपाल सिंह, सादाबाद की मुखी बबली विजय बधौतिया, अशोक ओबरॉय, संत मोहनसिंह, सुभाष कुमार, रामकुमार, स्थानीय मीडिया सहायक पुरन सागर आदि सहित सैंकड़ों भक्तों की भागीदारी रही।