हाथरस, 25 मई 2025:
उत्तर प्रदेश में 69,000 सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, हाथरस जनपद में नियुक्त 663 शिक्षकों की नियुक्ति पत्रावलियों की पुनः जांच की जा रही है। प्रारंभिक जांच के बाद अब तीन खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) की समिति को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
पृष्ठभूमि:
वर्ष 2019 में आयोजित बीटीसी परीक्षा के माध्यम से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्तियों में अनियमितताओं की आशंका के चलते, प्रदेश भर में अभिलेखों की जांच की जा रही है। हाथरस में पूर्व में लिपिकों द्वारा की गई जांच के बाद, अब बीएसए स्वाति भारती के निर्देश पर तीन सदस्यीय बीईओ समिति गठित की गई है।
समिति की जिम्मेदारियाँ:
- समय सीमा: समिति को पांच कार्य दिवसों के भीतर सभी पत्रावलियों की गहन जांच करनी है।
- उद्देश्य: फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों की पहचान करना।
- प्रक्रिया: प्रत्येक अभ्यर्थी की शैक्षणिक योग्यता, प्रशिक्षण प्रमाणपत्र और अन्य संबंधित दस्तावेजों की सत्यता की पुष्टि करना।
न्यायालय के निर्देश:
हाल ही में न्यायालय ने निर्देश दिए हैं कि यदि कोई अभ्यर्थी तथ्य छिपाकर या फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करता है, तो उसकी सेवा समाप्त की जाए। इस निर्देश के आलोक में जांच प्रक्रिया को और अधिक गंभीरता से लिया जा रहा है।
समाज में प्रतिक्रिया:
सोशल मीडिया पर कुछ शिक्षकों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति प्राप्त करने की खबरें वायरल हो रही हैं, जिससे अन्य शिक्षकों में चिंता का माहौल है। कई शिक्षक अपनी नियुक्तियों की वैधता को लेकर चिंतित हैं।