कैलाश वर्मा का भ्रष्टाचार उजागर फिर भी सत्ता पक्ष के दम पर आसीन अपने पद पर
सत्ता पक्ष के एक बडे नेता को अपना रिस्तेदार बताकर लेखपाल कैलाश वर्मा अधिकारियों को नचा रहा अपनी उंगलियों पर, जिम्मेदार सच जानते हुए भी कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे
विशाल भारद्वाज
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लखीमपुर खीरी । लेखपाल कैलाश वर्मा की जड़ें इतनी मजबूत है जिसके दम पर भ्रष्टाचार करने के बाद भी टस से मस नहीं हो रहा अपना रौब झाड़ अपने पावर की दिखा रहा ताकत लगातार खबरें प्रकाशित हुई विधिक कार्रवाई भी की गई लेकिन लेखपाल कैलाश वर्मा के विरुद्ध तहसील प्रशासन तो छोटी सी बात है जिला प्रशासन ने भी लेखपाल कैलाश वर्मा के विरुद्ध कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है गौरतलब है की एक भूमि का पट्टा निरस्त होने के बाद भूमिधर करने की हिम्मत सिर्फ लेखपाल कैलाश वर्मा में है उसने ऐसा किया इस ओर अपना ध्यान आकर्षित करने पर वजह यह साफ़ है की लेखपाल कैलाश वर्मा पर जिम्मेदार कार्रवाई करने को डरते हैं क्योंकि कैलाश वर्मा को सत्ता पक्ष के एक बडे नेता के रिस्तेदार होना लेखपाल कैलाश वर्मा द्वारा बताया जा रहा है और उनका पूरी तरह से लेखपाल कैलाश वर्मा पर हाथ होने की चर्चा सुर्खियों में है जिससे बेखौफ लेखपाल कैलाश वर्मा भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा साक्ष्य धरे के धरे रह गए खबरें कार्यवाही की गुहार लगाती रही अवैध तरह से अर्जित की गई कमाई में इजाफा हो रहा है सारा खेल पावर का है जिसका रौब दिखाकर अधिकारियों को अपनी उंगलियों पर नचाने वाला कैलाश वर्मा सत्ता पक्ष के बडे नेता जी की साख को बट्टा लगा रहा है लेकिन सच्चाई को कहा तक दबाकर रखा जा सकता जिस दिन सच्चाई अपने अस्तित्व में आई सारी हकीकत सामने आ जाएगी अभी तो बर्खास्तगी के लिए खबरें प्रकाशित हो रही है उसके बाद पूरा का पूरा भ्रष्टाचार उजागर हो जाएगा फिर तो चलेगा बाबा जी का बुलडोजर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री के पटल में जब रखा जाएगा कैलाश वर्मा का काला चिट्ठा होगी जांच सब भ्रष्टाचार आएगा सामने कब तक खुश रहेगा लेखपाल कैलाश वर्मा जल्द होगा बेनकाब।