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Homeराज्यउत्तर प्रदेशसहारा इंडिया परिवार के खाते में ग्राहकों का फंसा हजारों करोड़ रुपया

सहारा इंडिया परिवार के खाते में ग्राहकों का फंसा हजारों करोड़ रुपया

सहारा इंडिया परिवार के खाते में ग्राहकों का फंसा हजारों करोड़ रुपया

अधिक पैसे देने का लालच देकर हजारों करोड़ रुपये ग्राहकों का नहीं लौटा रहीं सहारा इंडिया कम्पनी
सहारा कम्पनी के कार्यकर्ताओ ने सहारा विवाद सुलझाने के लिए गृह राज्यमंत्री को दिया ज्ञापन

विशाल भारद्वाज

लखीमपुर खीरी । देश में ऐसे लाखों निवेशक हैं जिन्होंने सहारा इंडिया परिवार की चिट फंड कंपनी की बचत योजनाओं में पैसा निवेश किया लेकिन अब मैच्योरिटी अवधि पूरी होने पर अपने भुगतान के लिए दर दर भटक रहे हैं इसी क्रम में सहारा कम्पनी के लखीमपुर ऐरा के सभी कार्यकर्ताओ ने सहारा इंडिया और सर्वोच्च न्यायालय में सहारा सेबी विवाद की वजह से भुगतान लंबित होने के संदर्भ में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी जिलाधिकारी लखीमपुर व पुलिस अधीक्षक लखीमपुर खीरी को ज्ञापन दिया है जिसमें केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र ने सभी कार्यकर्ताओं की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन लिया और समस्या का समाधान कराने की मदद का आश्वासन भी दिया है आपको बताते चलें कि सहारा इंडिया परिवार की ओर से संचालित चिट फंड कंपनी अनेक प्रकार की बचत योजनाएं पूरे उत्तर भारत में चला रही थी यह कंपनी लोगों से पैसा अवश्य ले रही थी लेकिन मैच्योरिटी होने के बावजूद निवेशकों को उनका पैसा नहीं लौटाया जा रहा हैं अब निवेशकों को अपना पैसा डूबने का डर सताने लगा जिस पर ग्राहकों ने अपना पैसा पाने के लिए सहारा ब्रांचों के प्रबंधकों को बंधक बनाने लगे हैं एवं सहारा के कर्मचारियों के सामने भी अर्थिक समस्या पैदा हो गई है उनको अपने परिवार का जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है वहीं ग्राहकों के द्वारा उनको धमकियां भी दी जा रही है जिसके चलते वह मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त होते जा रहे हैं आपको बता दें कि सहारा इंडिया परिवार की इस चिट फंड कंपनी का करीब हजारों करोड़ रूपये सेबी सहारा के खाते में फंसा है इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सहारा सुब्रत राय पर मुकदमा भी चल रहा है लेकिन निवेशकों का पैसा न तो सेबी और न ही सहारा भुगतान कर रहा है निवेशकों को कोरोना जैसी स्थिति में भी उनका लंबित भुगतान नहीं किया गया जबकि कई मामलों में निवेशकों के परिवार का मुखिया तक का साया सिर से उठ गया उन्होंने खूब हंगामा धरना प्रदर्शन किया लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हुई वहीँ इस मामले पर न्यायालय भी कठोर कार्रवाई नहीं कर रहा हैं जिसके कारण जनता का हजारों करोड़ रुपये कम्पनी में फंसा हुआ है जनता और ग्राहकों को अभी भी उम्मीद बनी हुई है कि न्यायालय से सेबी एवं सहारा विवाद निपटने के बाद उनका पैसा मिल जाएगा।

निवेशकों का भुगतान न होने के क्या हैं कारण

आपको बता दें कि सहारा इंडिया परिवार चिट फंड कंपनी के निवेशकों के पैसों का भुगतान न होने का क्या कारण है यह तो हम आपको बता ही चुके हैं कि सहारा का हजारों करोड़ो से अधिक पैसा सेबी सहारा खाते में फंसा है इन दोनों के ही निवेशकों को भुगतान न करने के कारण उन्हें अपना पैसा वापस नहीं मिल पा रहा है सहारा चिट फंड कंपनी के तमाम बैंक खातों पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लेन देन पर रोक है सहारा का पैसा बैंकों में फंसे होने के कारण कंपनी कैश के संकट का सामना कर रही है लिहाजा निवेशकों की पासबुक की मैच्योरिटी अवधि संपूर्ण हो जाने के बाद भी भुगतान करने में सक्षम नहीं हो पा रही इसके अलावा एक और यह कारण भी है कि निवेशक दूसरे निवेशकों की स्थिति देख अब सहारा इंडिया बचत योजनाओं में पैसा जमा करने से कतराने लगे हैं इस वजह से अब नए खाते नहीं खुल पा रहे हैं एवं कंपनी के पास पर्याप्त पैसे नहीं पहुंच पा रहे हैं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री को ज्ञापन देने वाले कार्यकर्ताओं में श्रीकांत मिश्रा संतोष कुमार राम प्रसाद प्रेम शंकर राम लखन कौशल किशोर वर्मा मनमोहन अवस्थी राम जीवन राजीव कुमार श्रीवास्तव इत्यादि लोग शामिल रहे।

सहारा इंडिया के निवेशकों का हंगामा कर्मियों का जंतर मंतर पर प्रदर्शन

कुछ दिन पूर्व सहारा इंडिया के खाताधारकों ने अपने निवेश के पैसे वापसी को लेकर सहारा इंडिया के कार्यालय में खूब हंगामा किया था उन्होंने सहारा बैंक के कार्यालय में भी ताला जड़ दिया था समय पर काम आने की उम्मीद में सहारा इंडिया में जमा की गई राशि मैच्योर हुए किसी का डेढ़ तो किसी का दो साल हो चुका है लेकिन अब तक यह राशि निवेशकों को नहीं दी गई है कार्यालय में संपर्क करने पर उन्हें लगातार तारीख पर तारीख दी जा रही है लेकिन राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है यह भुगतान कब होगा इसका किसी को कुछ पता नहीं है वहीं सहारा इंडिया परिवार कर्मियों ने भी 8 दिसंबर 2021 को जंतर मंतर पर सेबी के खिलाफ प्रदर्शन किया था उनका दावा था कि सेबी-सहारा विवाद की वजह से सुप्रीम कोर्ट की ओर से सहारा समूह पर लगाए गए प्रतिबंध से उनकी आय प्रभावित हुई है उनकी कमाई पर असर पड़ा है निवेशक उन्हें नया काम नहीं दे रहे हैं क्योंकि पुराने भुगतान में देर हो रही है उन्होंने लाखों कार्यकर्ताओं के बेरोजगारी एवं भुखमरी के कगार पर पहुंचने की बात दोहराई।

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