भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जून 2022 में बताया था कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार चीन से अधिक हो गया है, जो वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच बढ़ते घनिष्ठ संबंधों का सबूत है।
अमेरिका में विदेश मामलों की संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका को भारत और रूस संबंधों और लोकतांत्रिक मूल्यों और संस्थानों के प्रति गिरते विश्वास पर भी ध्यान देना चाहिए। सीनेट की इस रिपोर्ट में एक मजबूत और लोकतांत्रिक भारत का समर्थन करने की अपील की गई है।
विदेश मामलों की संसदीय समिति के अध्यक्ष रॉबर्ट मेनेंडेज ने कहा है कि अमेरिका को इंडो-पैसिफिक को अच्छी तरह से पुनर्जीवित करने के साथ सैन्य-सुरक्षा, राजनयिक, आर्थिक क्षेत्र में पूर्ण सरकारी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। रिपोर्ट में एक मजबूत और लोकतांत्रिक भारत का समर्थन करने का आह्वान किया गया है। यहां तक कि भारत को एक महत्वपूर्ण सुरक्षा भागीदार के रूप में सही माना गया है। कह गया है कि रूस पर भारत की निर्भरता और उसके संबंधों पर ध्यान देने की आवश्यकता होगी।
अमेरिका के साथ व्यापारिक रिश्ता हुआ मजबूत
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने जून 2022 में बताया था कि अमेरिका के साथ भारत का व्यापार चीन से अधिक हो गया है, जो वाशिंगटन और नई दिल्ली के बीच बढ़ते घनिष्ठ संबंधों का सबूत है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के वर्षों में सुरक्षा संबंध गहरे हुए हैं क्योंकि दोनों चीन के बढ़ते प्रभुत्व से चिंतिंत हैं। वहीं, अमेरिका और भारत अब प्रमुख रक्षा साझेदार हैं और दोनों देशों ने क्वांटम कंप्यूटिंग, 5G और 6G नेटवर्क, अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर्स, बायोटेक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सहयोग बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर एक नई पहल शुरू की है।
विदेशी सहायता का एक बड़ा हिस्सा इंडो-पैसिफिक के लिए
रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि बाइडन प्रशासन को राजनयिक और विकास एजेंसियों के लिए धन में काफी वृद्धि करनी चाहिए और विदेशी सहायता का एक बड़ा हिस्सा इंडो-पैसिफिक में अग्रिम प्राथमिकताओं के लिए समर्पित करना चाहिए। इस क्षेत्र में संसाधनों का पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित करने, नए प्राधिकरण उपलब्ध कराने और प्रभावी निगरानी के लिए कांग्रेस को एक सक्रिय भागीदार बनाया जाना चाहिए।