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गुजरात के सुरेंद्रनगर में जमीन विवाद में दो दलितों की हत्या, चार के खिलाफ मामला दर्ज

Pragati Bhaarat:

गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले में भूमि विवाद के चलते बुधवार को दो दलितों की हत्या कर दी गई। वारदात को अंजाम देने वाले पिछड़ी जाति के लोग बताए जा रहे हैं। पुलिस ने बताया कि जमीन के एक टुकड़े को लेकर 1998 से विवाद चल रहा था और दलित परिवार निचली अदालत में केस जीत चुका था।

घटना बुधवार शाम चुडा तालुका के समधियाला गांव में हुई। हमले में घायल अल्जी परमार (60) और उनके भाई मनोज परमार (54 वर्ष) की सुरेंद्रनगर के एक सरकारी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। हमले में घायल पारुलबेन परमार की शिकायत के आधार पर पुलिस ने गुरुवार सुबह काठी दरबार समुदाय के छह ज्ञात और 12-15 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि आरोपी लंबे समय से उसकी पुश्तैनी जमीन हड़पने की कोशिश कर रहे हैं और उसे तथा परिवार के अन्य सदस्यों को धमका रहे हैं।

बाघ के हमले में दो की मौत, इस साल 12 ने गंवाई जान
महाराष्ट्र के चंद्रपुर में पिछले दो दिनों में बाघ के हमलों में दो लोगों की मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि इस साल बाघ के हमलों में अब तक 12 की जान जा चुकी है। तडोबा अंधारी उद्यान चंद्रपुर में स्थित है। बाघ के हमले में बुधवार को महिला की मौत हो गई, जबकि मंगलवार को एक किसान ने जान गंवा दी।

गणित ओलंपियाड में भारत का 9वां स्थान, 2 स्वर्ण भी
जापान के चिबा में आयोजित 64वें अंतरराष्ट्रीय गणित ओलंपियाड में भारत शानदार प्रदर्शन करते हुए नौवें स्थान पर रहा और प्रतियोगिता में दो स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक हासिल किए। स्वर्ण पदक विजेता अतुल शतावर्त नादिग और अर्जुन गुप्ता रहे। रजत पदक विजेता आनंद भादुड़ी और सिद्धार्थ चोपड़ा रहे और कांस्य पदक विजेता आदित्य मंगुडी वेंकट गणेश और अर्चित मानस थे। भारत का नौवें स्थान पर रहना भी उसके अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक है। मालूम हो कि इससे पहले 1998 और 2001 में भी भारत बेहतर प्रदर्शन कर चुका है। प्रतिभागियों के परिजन कार्यक्रम स्थल पर भावुक हो उठे।

बच्चा कभी अवैध नहीं भले ही वैवाहिक रिश्तों से बाहर जन्मा हो
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि बच्चा कभी अवैध नहीं होता, भले ही वह शादी के रिश्ते से बाहर ही क्यों न जन्मा हो। यौनकर्मियों के बच्चों को सम्मान और बाकी बच्चों को समान दर्जा देने के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने यह बात कही। रेखा शर्मा यौनकर्मियों के बच्चों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में आयोग की सेमिनार को संबोधित कर रही थीं। इसमें बच्चों के अधिकारों को लेकर मौजूदा कानूनों, समानता के अधिकार में आ रही परेशानियों, विधिक सेवाओं तक उनकी पहुंच को लेकर चर्चा की गई।

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