Pragati Bhaarat:
वो दिन करीब आ चुका है जिसका इंतजार देश को है. 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 को लांच किया गया था. करीब 37 दिन बाद विक्रम लैंडर की लैंडिंग होनी है. विक्रम लैंडर के लैंडिंग की प्रक्रिया शाम करीब पांच बजकर 47 मिनट से शुरू होकर शाम 6 बजकर चार मिनट पर पूरी होगी। करीब 15 मिनट का यह समय इसरो की धड़कनों को बढ़ाने वाला है. विक्रम लैंडर जब चांद के बेहद करीब होगा उस वक्त विक्रम की रफ्तार 1.68 मीटर प्रति सेकेंड होगी. इसरो के मुताबिक चंद्रयान-2 मिशन में जो गड़बड़ियां थीं उन्हें सुधार कर इस मिशन को आगे बढ़ाया गया है. बता दें कि चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के करीब चार घंटे के बाद विक्रम लैंडर के पेट से प्रज्ञान रोवर निकलेगा और चांद की सतह का परीक्षण करना शुरू कर देगा. इन सबके बीच प्रज्ञान रोवर ना सिर्फ इसरो के लोगो और तिरंगे को उकेरगा बल्कि अशोक स्तंभ की आकृति भी बनाएगा. इस खास मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी जोहानिसबर्ग से देशवासियों को संदेश देंगे. इस मिशन को लेकर देश भर में उत्साह का माहौल है. यूपी में शाम के समय में स्कूलों में इसके सीधे प्रसारण को देखने की व्यवस्था की गई है.
Chandrayaan 3 kab launch hua: 14 जुलाई को लांच किया गया था चंद्रयान-3
श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को दोपहर इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन को लांच किया था. करीब 3 लाख 84 हजार किमी की दूरी तय कर चंद्रयान का विक्रम लैंडर चांद की सतह का चक्कर लगा रहा है.
बस अब कामयाबी का इंतजार
चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए देश भर में दुआओं का दौर जारी है, इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि सावधानी के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं. उम्मीद है कि इस दफा हम चांद की सतह पर बिना किसी बाधा उतरने में कामयाब हो सकेंगे।
ईंधन की कमी नहीं, सही जगह पर लैंडिंग
विक्रम लैंडर का वजन पिछले लैंडर के मुकाबले 250 किलोग्राम ज्यादा है.इसमें अतिरिक्त ईंधन भी स्टोर किया गया है इसलिए सतह के नजदीक पहुंचने तक ईंधन की कमी नहीं आएगी. लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का स्कैन कर रहा है. लैंडिंग के लिए मुफीद जगह तलाश लेने पर चंद्रयान-3 डीसेंट ऑपरेशन शुरू करेगा. चंद्रयान-3 के चांद पर लैंड करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक है. लैंडर अपने हिसाब से लैंडिंग एरिया का चुनाव करेगा.
इस बार गलती की गुंजाइश कम
मिशन चंद्रयान-3 पर पूरी दुनिया की नजरें हैं.ISRO के मुताबिक चंद्रयान के उतने की तैयारी पूरी हो चुकी है। सबकुछ तय प्लान के मुताबिक चल रहा है और चंद्रयान सही वक्त पर ही उतरेगा.इस बार गलती का कोई गुंजाइश नहीं है.चंद्रयान-2 की नाकामी से सीख लेते हुए लैंडर में कई बदलाव किए गए हैं.
प्लान बी भी तैयार
चंद्रयान-3 को लेकर ISRO ने बताया कि तय समय पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग होगी. सिस्टम की लगातार जांच हो रही है. यही नहीं चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर ISRO का प्लान-B भी तैयार है. किसी भी तरह की परेशानी होने पर 27 अगस्त को लैंडिंग करायी जाएगी.
देशभर में प्रार्थना का दौर
चन्द्रयान- 3 के सफल लैंडिंग के लिए देशभर में दुआएं मांगी जा रही हैं.वाराणसी में दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की विशेष आरती हुई. लखनऊ में मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने चंद्र यान – 3 की कामयाबी के लिये मस्जिद में दुआ की.वहीं भागलपुर में मन्दिर में हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. चन्द्रयान 3 की सफल लैंडिंग के लिए मन्दिर में हनुमान चालीसा का पाठ, भाजपा नेताओं ने सफल लैंडिंग की कामना की. चंद्रयान 3 की सफलता के लिए दशाश्वमेध घाट पर हुई मां गंगा की विशेष आरती, बाबा श्री काशी विश्वनाथ व मां गंगा से प्रार्थना की गई.
दक्षिण अफ्रीका से सीधे जुड़ेंगे पीएम मोदी
चंद्रयान 3 के लैंडिंग के वक्त ISRO से वर्चुअली पीएम नरेंद्र मोदी जुड़ेंगे. बता दें कि इस समय वो BRICS समिट में हिस्सा लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका में हैं. भारत के चंद्रयान मिशन पर देश ही वहीं दुनिया के दूसरे मुल्कों की भी निगाहें हैं.
यूपी के स्कूलों में लाइव प्रसारण
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर पहली बार लैंड करेगा तो उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के छात्र भी इस ऐतिहासिक अवसर के साक्षी बनेंगे. सरकार ने इस अवसर पर छात्रों के ज्ञानवर्धन, उनकी जिज्ञासाओं की पूर्ति के लिए सभी परिषदीय विद्यालयों को 23 अगस्त की शाम को एक घंटा खोलने और छात्रों की भागीदारी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
कांग्रेस नेता ने ली चुटकी
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने चंद्रयान के प्रक्षेपण पर चुटकी लेते हुए कहा कि मैं इस मिशन की सफलता के लिए शुभकामना देता हूं. मैं चाहता हूं कि ईश्वर करें चंद्रयान सफलतापूर्वक चांद पर उतरे . ऐसा लगता है कि इस बार यह मिशन सफल होगा क्योंकि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश से बाहर हैं.
चंद्रयान-3 में सपा सांसद ने ढूंढा मजहब
सपा सांसद शफीकुर रहमान वर्क ने चंद्रयान 3 मिशन की सफलता में भी मजहब ढूंढ लिया है. उन्होंने कहा किचंद्रयान की सफलता के लिए पूर्व राष्ट्रपति अबुल कलाम को दुआ देनी चाहिए । जो की राष्ट्रपति के साथ बड़े साइंसदा भी थे , जिन्होंने देश के लिऐ बड़े काम किए. देश में ऐसी रोशनी फैलाई की देश लगातार तरक्की कर रहा है. चंद्रयान 3 की सफलता से दुनिया में देश का नाम ऊंचा होगा.
लैंडिंग के लिए चंद्रयान-3 तैयार
चंद्रयान-3 चांद की सतह से 30 किमी ऊपर चक्कर लगा रहा है. धीरे धीरे इस दूरी को कम करते हुए चांद के बेहद करीब लाया जाएगा. शाम करीब 5 बजकर 47 मिनट से जब लैंडिंग की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में होगी तो इसकी स्पीड 1.68 मीटर प्रति सेकेंड कर दी जाएगी.