Pragati Bhaarat:
भोजपुरी अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की मौत के मामले में नामजद गायक व अभिनेता समर सिंह उर्फ समरजीत सिंह गिरफ्तारी के बाद हाथ जोड़कर रोने लगा। वाराणसी कमिश्नरेट की पुलिस के सामने गिड़गिड़ाया। बोला कि मैं बेकसूर हूं, छोड़ दीजिए। मेरा भविष्य चौपट हो जाएगा, लेकिन पुलिस ने सभी मिन्नतों को अनसुना किया और उसे हवालात में डाल दिया।
वहीं, गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद के नंदग्राम थाने से लेकर मेडिकल मुआयना और फिर अदालत में पेश किए जाने के दौरान समर सिंह सिर झुका कर मुंह छिपाने का प्रयास करते हुए चुप्पी साधे रहा। फिल्म शूटिंग के लिए वाराणसी आईं अभिनेत्री आकांक्षा दुबे की आत्महत्या के मामले में समर सिंह व उसका दोस्त संजय सिंह नामजद है।
समर 10 दिन से पुलिस से आंख मिचौली खेल रहा था, लेकिन बृहस्पतिवार की देर रात वह पुलिस के चंगुल में फंस गया। वह गाजियाबाद में अपने जिस परिचित के फ्लैट में ठहरने के लिए पहुंचा था, वहां कमिश्नरेट की पुलिस को देखकर सन्न रह गया।
पुलिस ने गिरफ्तारी की बात कही तो वह रोने लगा। उसने पुलिस से गुहार लगाई और कहा कि आकांक्षा दुबे ने न कोई सुसाइड नोट नहीं लिखा था। ना आत्महत्या से पहले उस पर कोई आरोप लगाया, फिर भला उसे कसूरवार क्यों ठहराया जा रहा है? इसलिए उसे छोड़ दिया जाए।
आरोप व मुकदमे से घबरा गया, फिर ठिकाने बदलने लगा
समर सिंह ने पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि वह बीते 25 और 26 मार्च को गोरखपुर में शूटिंग कर रहा था। गोरखपुर में ही उसे आकांक्षा की आत्महत्या की जानकारी मिली। 26 मार्च की रात वह लखनऊ गया था। 27 मार्च को आकांक्षा की मां मधु दुबे के आरोपों और खुद पर दर्ज मुकदमे की जानकारी उसे मिली तो वह घबरा गया।
एक बार लगा कि वह अपना पक्ष पुलिस के सामने रखे, लेकिन मधु दुबे के आरोपों की वजह से वह हिम्मत नहीं जुटा सका। इसके बाद अपना वाहन लखनऊ में ही छोड़ कर सड़क मार्ग से अपने दोस्त संजय सिंह के साथ गाजियाबाद चला गया। गाजियाबाद के साथ ही दिल्ली, नोएडा और देहरादून में अपने खास करीबियों के यहां ठिकाने बदल-बदल कर रहा।
गिरफ्तारी पर स्टे लेने के प्रयास में था समर
समर इस कोशिश में था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट से उसकी गिरफ्तारी पर स्टे मिल जाए। इसके लिए उसके अधिवक्ताओं ने कागजी कार्रवाई भी शुरू कर दी थी। बृहस्पतिवार को वह देहरादून से गाजियाबाद आया था और शुक्रवार को उसे लौटना था। हालांकि, इससे पहले ही वह पकड़ा गया।
साहसी थी आकांक्षा
समर ने कहा कि उसने यह कभी नहीं सोचा था कि आकांक्षा आत्महत्या कर लेगी। वह एक साहसी लड़की थी और उसने अपने दम पर भोजपुरी इंडस्ट्री में अपना अलग मुकाम बनाया था। अगर उसे पता होता कि आकांक्षा के मन में आत्महत्या जैसा कोई गलत विचार आया है तो वह गोरखपुर से वाराणसी आकर उसे समझाता।
पता था पुलिस का छापा पड़ेगा, इसलिए मुंबई नहीं गया
पुलिस की पूछताछ में समर ने बताया कि उसके ऑफिस लखनऊ और मुंबई में हैं। रुपये के लेनदेन और उसके प्रमोशन से संबंधित कामकाज दोस्त संजय सिंह देखता है। उसे पता था कि मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस उसकी तलाश में आजमगढ़ के मेंहनगर स्थित घर जाएगी। फिर, लखनऊ और मुंबई स्थित उसके ठिकानों पर छापा मारेगी। इसलिए जानबूझकर मुंबई नहीं गया और लखनऊ भी छोड़ दिया।