गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर गुरुवार देर रात सड़क हादसे में छह युवकों की मौत हो गई। सभी पलवल के कैंप इलाके के रहने वाले थे। सभी रात करीब डेढ़ बजे गुरुग्राम से जन्मदिन की पार्टी कर लौट रहे थे, तभी युवकों की कार को क्रशर से भरे एक डंपर ने टक्कर मार दी।
गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर सड़क हादसे में हुई युवकों की मौत से पूरा शहर हिल गया। सभी हैरान थे कि सभी दोस्त कुछ देर पहले तक इंस्टाग्राम पर रील डाल रहे थे और अचानक यह दुखद खबर। मंगलवार को सभी दोस्त नैनीताल घूमने गए थे। दोस्त का जन्मदिन मनाने के लिए सभी बृहस्पतिवार शाम करीब सात बजे नैनीताल से पलवल पहुंचे।
यहां दोस्त रिंकू के जन्मदिन का केक काटने के बाद सभी पार्टी करने गुरुग्राम के लिए निकल लिए। मृतकों ने घटना से कुछ मिनट पहले ही एक वीडियो इंस्टाग्राम पर डाला था, जिसमें सभी गाड़ी के अंदर ही गाने पर झूमते नजर आ रहे हैं।
हालांकि पुलिस अभी मृतकों के नशे में होने की बात को नकार रही है। कार मृतक जतिन की थी। वह खुद गाड़ी चला रहा था। साल 2009 मॉडल की गाड़ी ज्यादा मजबूत नहीं थी, इसलिए पूरी गाड़ी रबड़ की तरह मुड़ती चली गई।
दो बच्चियां छोड़ गया संदीप, बूढ़ी मां कर रही जतिन का इंतजार
हादसे में मारे गए सभी युवकों में से केवल दो ही शादीशुदा थे। इसमें से संदीप (28) की दो बेटियां हैं। एक की उम्र 3 साल व दूसरी की 7 महीने है। वह एक निजी कंपनी में काम करता था। संदीप के पिता का पहले ही देहांत हो चुका था। जतिन (26) इकलौता बेटा था।
बड़ी बहन की शादी हो चुकी है और पिता का देहांत कई साल पहले ही हो चुका था। वह सेक्टर-12 तहसील में लाइसेंस की फायल आदि बनवाने का काम करता था। जतिन की मां की उम्र 52 साल है। वह मां के साथ ही रहता था। मृतकों में सबसे छोटा विशाल (18) 12वीं का छात्र था। परिवार में एक 10 साल का भाई व एक साल बड़ी बहन है।
पिता एक निजी कंपनी में काम करते हैं। पुनीत (27) एक कंपनी में सेल्समैन था। पिता किराने की दुकान चलाते हैं। परिवार में पुनीत के अलावा एक बड़ा भाई है। आकाश उर्फ नोनी गुलाटी (29) एक निजी कंपनी में काम करता था। उसके अलावा परिवार में बड़ी बहन है।
घर में कमाने वाला वह अकेला था। पिता कई साल से घर पर ही रहते हैं। बलजीत (27) की जनवरी में ही घर के पास के मोहल्ले में शादी हुई थी। पिता एमटीएनएल से रिटायर्ड हैं। पत्नी घरेलू झगड़े के कारण मायके में ही रह रही है।
रात को बेलगाम हो जाते हैं डंपर चालक
देर रात डंपर चालक पूरी तरह से बेलगाम हो जाते हैं। अक्सर देखने में आया है कि डंपर चालक ऑनलाइन चालान से बचने के लिए ट्रक के नंबर प्लेट पर जानबूझकर मिट्टी लगा देते हैं ताकि कैमरे की नजर से बचा जा सके। खाली रोड होने के कारण डंपर चालक सड़क पर कब्जा करके चलते हैं। पिछले साल ही नूंह में एक ओवरलोड डंपर चालक ने डीएसपी पर चढ़ाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था।
नेशनल हाईवे पर भी सड़क हादसे में मौत का सबसे बड़ा कारण डंपर चालक ही हैं। वहीं पाली में क्रशर जोन है। यहां पर महेंद्रगढ़ समेत अन्य जगहों से ट्रक से पत्थर लेकर आते हैं। ऐसे में रात में हाईवे समेत फरीदाबाद रोड पर डंपरों का दबाव रहता है। ऐसे में अक्सर रात में हादसे होते हैं। दूसरी ओर सड़क कई जगह यूटर्न हैं। ऐसे में संतुलन बिगड़ने से हादसे होते हैं।