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Gyanvapi Survey: पहली बार सर्वे शुरू होने के बाद झटका, दो बार आदेश पर ही रोक

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Gyanvapi Survey: पहली बार सर्वे शुरू होने के बाद झटका, दो बार आदेश पर ही रोक

Pragati Bhaarat:

Gyanvapi Survey: पहली बार सर्वे शुरू होने के बाद झटका, दो बार आदेश पर ही रोक

ज्ञानवापी परिसर में पहली बार ऐसा हुआ कि एएसआई ने सर्वे का काम शुरू किया। हालांकि लगभग साढ़े पांच घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सर्वे रोक दिया गया। इससे पहले भी अदालत ने दो बार एएसआई से सर्वे का आदेश दिया था, लेकिन हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के स्तर से रोक लगा दी गई थी।

यह सिलसिला अप्रैल 2021 से चल रहा है। 27 महीने 13 दिन में तीन आदेश पारित हुए और उनपर रोक लगी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मई 2023 को ज्ञानवापी स्थित वजूखाना में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक सर्वेक्षण का आदेश दिया था।

कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक सर्वेक्षण का काम शुरू किए जाने से पहले ही 19 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश पर रोक लगा थी। इसी तरह आठ अप्रैल 2021 को वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश एएसआई को दिया था। सर्वे का काम शुरू होने से पहले ही सितंबर 2021 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उस पर रोक लगा दी थी।

अब जिला जज की अदालत ने ज्ञानवापी परिसर का आदेश दिया है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी है। अब मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष जाएगा, फिर तय होगा कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वे होगा या फिर नहीं?

इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज सुनवाई संभव
जिला अदालत के जिस आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगाई है, उस मामले में मंगलवार (25 जुलाई) को सुनवाई हो सकती है। जिला अदालत ने भी ज्ञानवापी परिसर के सर्वे के आदेश दिए थे।

खोदाई के बगैर सामने आएगा ज्ञानवापी का सच
ज्ञानवापी परिसर का सच ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) तकनीक से सामने आएगा। एएसआई की टीम सोमवार को जीपीआर के साथ पहुंची। इसे परिसर के पश्चिमी हिस्से में लगाकर जांच की गई। डीजीपीएस तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

एएसआई के अफसरों के अनुसार जीपीआर तकनीक खुदाई किए बगैर जमीन के नीचे की असलियत जानने का सस्ता और समय बचाने वाले जरिया है। यह रडार एंटीना का इस्तेमाल कर सतह के नीचे देख सकता है। इसमें इस्तेमाल एंटीना जमीन में रेडियो सिग्नल भेजता है। फिर, एंटीना उन सिग्नल की तरंगों के जमीन के भीतर मौजूद चीजों से टकराने के कारण पैदा हुए कंपन को सुनता है। जीपीआर उपकरण जमीन की सतह पर रखकर संबंधित क्षेत्र के ऊपर घुमाए जाते हैं।

राम जन्मभूमि जैसे खोदाई की बहुत जरूरत नहीं पड़ेगी
एएसआई के अफसरों ने पुलिस व प्रशासनिक अफसरों से सामान्य बात की और कहा कि रामजन्म भूमि अयोध्या की तरह ज्ञानवापी परिसर में ज्यादा खोदाई नहीं करनी पड़ेगी। आधुनिक उपकरणों की मदद और वैज्ञानिक पद्धति से जांच आगे बढ़ाई जाएगी। बहुत जरूरी लगा, तभी खोदाई हो सकेगा।

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