Pragati Bhaarat:
घरेलू मोर्चे पर बुरी तरह विफल रहने के बाद भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. इसी कड़ी में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के नए गेम प्लान का भंडाफोड़ हुआ है. इसमें इनकम, साजिश और हिंदू धर्म को बदनाम करने की गहरी साजिश छिपी है. पाकिस्तान के इस प्लान की वजह से ही पाकिस्तान की आर्थिक हालात बद से बदतर हो गई है. अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा अफीम की खेती में आग लगाने के बाद ड्रग के कारोबार में कमी आने के बाद भी आईएसआई अपनी सक्रियता तेजी से बढ़ रही है.
अयोध्या को चारों तरफ से घेर रही?
दरअसल, नए गेम प्लान के तहत आईएसआई नए-नए हथकंडे अपना रही है. खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर कई जानकारियां मिली हैं. एक महीने के अंदर पुणे में डीआरडीओ वैज्ञानिक प्रदीप कुरूलकर, विशाखापट्टनम में रक्षा मंत्रालय के यूनिट भारत डायनामिक्स लिमिटेड में तैनात सीआईएसएफ कांस्टेबल कपिल और शामली से गिरफ्तार आईएसआई एजेंट कलीम की गिरफ्तारी ने देश की खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है. भारतीय एजेंसियों को आशंका है कि आईएसआई अयोध्या को भी चारों तरफ से घेर रही है जनवरी में वहां समारोह है.
15 स्लीपर एजेंट पकड़े जा चुके
अब तक अयोध्या के करीबी सात जिलों से 15 स्लीपर एजेंट और आतंकी पकड़े जा चुके हैं. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक यह आईएसआई के नए गेम प्लान का हिस्सा है. इस नए गेम प्लान में कमाई, भारत में कवर एजेंट की तैनाती और हिंदू धर्म को बदनाम करने की साजिश छिपी है. रिटायर्ड ब्रिगेडियर एस एस दहिया का कहना है कि आईएसआई हिंदू धर्म को बदनाम करने की कोशिश रही है. इन्होंने गैंगस्टर, ब्लैकमेलिंग, हनी ट्रैप के माध्यम से निशाना बनाकर जाल में फांसा जा रहा है.
हिंदू धर्म के खिलाफ जानबूझकर की गई साजिश
असल में आईएसआई द्वारा हिंदू धर्म के खिलाफ जानबूझकर की गई साजिश की आशंका खुफिया एजेंसियों को यूं ही नहीं है बल्कि इसके पर्याप्त आधार पाए गए हैं. पुणे के डीआरडीओ वैज्ञानिक प्रदीप कुरूलकर औऱ विशाखापट्टनम में पकड़े गए सीआईएसएफ जवान कपिल के बैकग्राउंड खंगालने के बाद खुफिया एजेंसियों को शक है कि आईएसआई खास मकसद से हिंदू स्लीपर एजेंट बनाने की साजिश रच रही है. जी न्यूज के पास मौजूद सीआईएसएफ जवान के खिलाफ की गई शिकायत की प्रति में विस्तार से आईएसआई के हनी ट्रैप जाल के बारे में बताया गया है. हनी ट्रैप के लिए अब वह तकनीक का सहारा ले रहे हैं. तकनीक में चीन की मदद मिल रही है.
आईएसआई में एक समर्पित इकाई
इसके लिए आईएसआई में एक समर्पित इकाई की स्थापना की गई है इसको ज्वाइंट इंटेलिजेंस एक्स संभाल रहा है. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक आईएसआई के लोग भारत में स्लीपर एजेंट बनाने के लिए एनआरआई को अपना मोहरा बना रहे हैं. न्यू जर्सी, कनाडा जैसी जगहों पर पाक सेना से रिटायर्ड लोगों की कालोनियां बस गई हैं. इन कालोनियों में रहने वाले लोग अभी भी आईएसआई के लिए काम करते हैं. ये लोग ही वहां रह रहे भारतीयों को प्रभावित कर आईएसआई के जाल में फांसते हैं.
दाउद के साधनों की मदद से
इसके अलावा बड़े स्तर पर स्थानीय गुंडा तत्वों को दाउद के साधनों की मदद से आईएसआई के जाल में फंसाया जा रहा है. यह बाद पंजाब और दिल्ली में सक्रिय कई गैंगस्टरों की पूछताछ और उनके साधनों की जांच में भी सामने आ चुकी है. रिटायर्ड ब्रिगेडियर एस एस दहिया का मानना है कि न्यू जर्सी कनाडा, लंदन आदि में बनी कालोनियां में टारगेटिंग आईएसआई करती है. फिलहाल खुफिया एजेंसियों ने पाक की बदहाली के बाद भी आईएसआई के पनपने और आय के साधनो के बारे में भी गहराई से छानबीन की है और जो जानकारी मिली है वो काफी चौंकाने वाली है.
नकली नोट छापने की मशीनें
जानकारी के मुताबिक 2016 में भारत में नोटबंदी के बाद से ही आईएसआई द्वारा नकली नोट छापने की मशीनें खराब हालात में पड़ी थीं. आईएसआई ने फिर से नकली नोट छापने का काम शुरू किया है लेकिन इस बार भारत की बजाय अफगानिस्तान और खुद पाकिस्तान के नकली नोट छापे जा रहे हैं. खबर यह भी है कि आईएसआई के गुर्गो ने नकली यूएस डॉलर की भी छपाई की है. इसके अलावा पाकिस्तान में बिल्डरों और देश भर में फैले अपने नेटवर्क से जबरन वसूली भी आईएसआई की कमाई का साधन है. हैदराबाद में एक साइबर फ्रॉड केस की जांच में क्रिप्टो वॉलेट के जरिए पैसे आतंकी संगठनों को जाने की पुष्टि हुई है. क्रिप्टो वॉलेट से आईएसआई भी पैसे कमा रही है.
तकनीक और पैसों के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को चीन की भी भरपूर मदद मिल रही है. तकनीकी मदद से आईएसआई ने अपने लोगों को काफी ट्रेंड किया है. जमीनी फोर्स के लिए अब वह पाकिस्तान के ही गरीब लोगों को जाल में फंसा रही है.