Pragati Bhaarat:
फायर सेफ्टी रूल्स का पालन नहीं करने वाले अस्पतालों को एनओसी जारी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा फायर सेफटी इमरजेंसी रूल्स भी लागू नहीं किया गया है। चीफ जस्टिस रवि विजय मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं।
धनवंतरी नगर भूकंप कालोनी निवासी समाजसेवी विनोद अग्निहोत्री की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि कहा गया है कि शहर और प्रदेश के कई अस्पतालों में अग्निहादसे घटित हुए हैं। इन हादसों में कई जनहानि हुई है। जबलपुर स्थित न्यू मेडिकेयर हॉस्पिटल में हुए अग्नि हादसे में आठ व्यक्तियों की मौत हो गई थी। हादसे का मुख्य कारण अस्पताल प्रबंधन द्वारा फायर सेफटी रूल्स का पालन नहीं करना है।
याचिका में आरोप लगाते हुए कहा गया है कि करमेता स्थित संस्कारधानी अस्पताल और केयर हास्पिटल में फायर सेफ्टी नियमों का पालन नहीं हो रहा है। इसके बावजूद भी उन्हें फायर सेफ्टी एनओसी जारी कर दी गई है। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा फायर सेफ्टी इमरजेंसी रूल्स लागू नहीं किया गया है। याचिका में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन विभाग, डायरेक्टर नगरीय प्रशासन विभाग, जबलपुर कलेक्टर, निगामायुक्त, फायर आफीसर, संस्कारधानी अस्पताल, केयर अस्पताल और निखिल रनपुरिया फायर इंजीनियर को पक्षकार बनाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता रामनारायण तिवारी ने पक्ष रखा।