Pragati Bhaarat:
कूनो नेशनल पार्क की मादा चीता आशा भी अब नर चीते पवन की राह पर चल पड़ी। आशा बीते तीन-चार दिनों से कूनो से बाहर है। उसकी मूवमेंट शिवपुरी जिले के बैराड़ तहसील के धोरिया गाजीगढ़ के क्षेत्र में है। आशा ने धोरिया और गाजीगढ़ के क्षेत्र में डेरा जमाया हुआ है। कूनो वन विभाग की टीम मौके पर है और आशा की कॉलर आईडी के जरिए उसे ट्रैक कर निगरानी बनाए हुए है।
चार दिन से कूनो नेशनल पार्क से बाहर मादा चीता आशा ने अभी तक एक भी शिकार नहीं किया है, जिससे वह भूखी हो सकती है। नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों में से नर चीता पवन और मादा चीता आशा लगातार कूनो नेशनल पार्क के बाहर जा रहे हैं। अभी पवन चीता कूनो पार्क में है, लेकिन आशा पिछले चार दिनों से कूनो नेशनल पार्क के बाहर है।
दो चीतों की हुई मौत
कूनो नेशनल पार्क में एक महीने के अंतराल में दो चीते की मौत हो गई है। हाल ही में 24 अप्रैल को वयस्क नर उदय की मौत हो गई, जिसकी उम्र करीब 4 से 5 साल थी, जो 18 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका से आए 12 चीतों में से एक था। उदय को 18 अप्रैल को बड़े-बाड़े के एंक्लोजर नंबर दो में छोड़ा गया था। इससे पहले 27 मार्च को नामीबिया से आई मादा चीता साशा की किडनी फेल होने से मौत हुई थी। फिलहाल इन दो मौतों के बाद कूनो नेशनल पार्क में अब नौ नर और नौ मादा चीता हैं इनके अलावा चार शावक भी हैं, जो कूनो नेशनल पार्क में ही जन्में हैं। फिलहाल चारों शावक स्वस्थ हैं और अपनी मां सियाया के साथ हैं।