Pragati Bhaarat:
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को वर्चुअल सेफ्टी कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों को रेलवे नेटवर्क को बाहरी तत्वों से पूरी तरह छेड़छाड़ मुक्त बनाने की योजना बनाने का निर्देश दिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सिग्नलिंग सिस्टम के आसपास के प्रोटोकॉल को छेड़छाड़ से मुक्त बनाया जा सके। इसके लिए सघन अभियान चलाने का भी निर्देश दिया।
वैष्णव ने यह भी कहा कि अधिकारी विशेष अभियान चला कर यह सुनिश्चित करें, ताकि ट्रेनों का सुरक्षित संचालन संभव हो सके और किसी भी अन्य हादसे से बचाव हो सके। ट्रैक निरीक्षण के लिए रेलवे पुलिस और लाइनमैन को भी सचेत रहने का निर्देश जारी किया जाए। इस बीच, रेलवे बोर्ड अध्यक्ष व सीईओ अनिल कुमार लाहौटी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भी दुर्घटना से जुड़ी विस्तृत रिपोर्ट साझा की।
हादसे के बाद खड़ा हुआ सवाल
बालासोर रेल हादसे ने ट्रेनों के सुरक्षित संचालन पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। खासकर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण को लेकर। हादसे का कारण पहली नजर में भले ही रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम में परेशानी को माना जा रहा है, लेकिन रेलवे अधिकारी इसे टेंपर प्रूफ बता रहे थे। मानवीय भूल के कारण होने वाली रेल दुर्घटनाओं को समाप्त करने के लिए पिछले साल तक 6,261 स्टेशनों पर पॉइंट और सिग्नल के केंद्रीकृत संचालन के साथ इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम मुहैया कराया गया और 10,869 समपार फाटकों पर इंटरलॉकिंग की व्यवस्था की गई थी। इसके बावजूद यह ट्रेन हादसा चिंता का सबब बन गया है।
सिकंदराबाद-अगरतला एक्सप्रेस के एसी कोच से उठा धुआं, ओडिशा में रोका
सिकंदराबाद-अगरतला एक्सप्रेस को मंगलवार को दोपहर में एसी कोच से धुआं निकलने के बाद ओडिशा के ब्रह्मपुर रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया। हालांकि, धुएं पर तत्काल काबू पा लिया गया, लेकिन यात्रियों ने आगे किसी खराबी की आशंका के कारण कोच में यात्रा करने से मना कर दिया।
हादसे की वजह से टिकट निरस्त किए जाने वालों की तादाद नहीं बढ़ी : आईआरसीटीसी
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने ओडिशा हादसे के बाद बड़ी तादाद में यात्रियों के ट्रेन टिकट निरस्त कराने से जुड़े कांग्रेस पार्टी के दावों को खारिज कर दिया है। आईआरसीटीसी ने कहा, टिकट निरस्तीकरण का दावा तथ्यात्मक रूप से गलत है। सच्चाई यह है कि बुक टिकट निरस्त कराने वालों की तादाद घटी है। दरअसल, कांग्रेस के एक नेता ने आरोप लगाया था कि ओडिशा रेल हादसे के बाद हजारों लोगों ने अपने टिकट कैंसिल कर दिए हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ट्रेन में सफर सुरक्षित नहीं है।
चार दिन बाद दुर्घटनास्थल से गुजरी डाउन कोरोमंडल एक्सप्रेस
शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के तिहरे ट्रेन हादसे के चार दिन बाद मंगलवार को बहानगर बाजार स्टेशन के पास चेन्नई से डाउन ट्रेन 30 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दुर्घटना स्थल से गुजरी। ट्रेन जैसे ही गुजरी, बड़ी संख्या में लोग ट्रेन को देखने पहुंचे। बहनगा बजारा स्टेशन से रविवार की रात अप और डाउन दोनों ट्रैक बहाल होने के बाद से अब तक वंदे भारत एक्सप्रेस सहित 70 से अधिक ट्रेनें गुजर चुकी हैं।
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