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Homeराज्यPunjab: जालंधर लोकसभा उपचुनाव सिर पर, गुटबाजी में उलझी सियासी पार्टियां

Punjab: जालंधर लोकसभा उपचुनाव सिर पर, गुटबाजी में उलझी सियासी पार्टियां

Pragati Bhaarat:

जालंधर लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव सिर पर हैं और तमाम राजनीतिक पार्टियां गुटबाजी में बुरी तरह से उलझी हुई हैं। कांग्रेस से लेकर सत्ताधारी पार्टी भी इससे अछूती नहीं है। कांग्रेस की तरफ से लोकसभा उपचुनाव के लिए चौधरी कर्मजीत कौर को उम्मीदवार बनाकर मैदान में उतार दिया गया है, लेकिन पूर्व विधायक सुशील कुमार रिंकू इससे खुश नहीं हैं। वह इस सीट के लिए कांग्रेस की तरफ से प्रबल दावेदार थे।

कांग्रेस को छोड़ कोई पार्टी नहीं कर पाई उम्मीदवार फाइनल
सुशील रिंकू जालंधर वेस्ट का प्रतिनिधित्व करते हैं, ऐसे में चौधरी परिवार के लिए रिंकू की नाराजगी से नुकसान हो सकता है। वेस्ट से विधायक व जालंधर के पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी भी कांग्रेस हाईकमान से नाराज हैं, उनका टिकट काटकर चौधरी संतोख सिंह को दिया गया था। परगट भी अपनी टीम अलग लेकर चल रहे हैं।

पूर्व सांसद मोहिंदर सिंह केपी भी कांग्रेस हाईकमान से नाराज
वहीं, भाजपा में भी जबरदस्त गुटबाजी बनती जा रही है। विजय सांपला बेशक राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन हैं, लेकिन उनकी टीम जालंधर में काफी मजबूत है। रॉबिन सांपला से लेकर अमित तनेजा, मोनू पुरी, हिमांशु शर्मा व प्रदीप खुल्लर उनकी टीम में हैं। इस सीट पर भाजपा पूर्व डीसीपी राजिंदर सिंह को उतार सकती है या राजेश बाघा उम्मीदवार बन सकते हैं, लेकिन टीम सांपला व राजेश बाघा का आपस में तालमेल नहीं है।

टीम सांपला और राजेश बाघा का आपस में तालमेल नहीं
दोनों के अलग-अलग गुट हैं। भाजपा में केडी भंडारी व मनोरंजन कालिया भी अलग अलग गुट में हैं। पुराने जिला प्रधान रमेश शर्मा से लेकर सुभाष सूद सब किनारे लगे हुए हैं। भाजपा के प्रधान अश्वनी शर्मा गुटबाजी को खत्म करने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं, लेकिन पार्टी में बाहरी पार्टियों से आए नेताओं को लेकर नाराजगी बढ़ी हुई है।.

कैंट से चुनाव लड़ चुके सुरिंदर सोढ़ी का छत्तीस का आंकड़ा
आप में भी सब ठीक ठाक नहीं है। पार्टी की तरफ से मंडी बोर्ड के चेयरमैन हरचंद सिंह बरसट को लगाया गया है, जो अपना गुट खड़ा कर रहे हैं। कैंट से चुनाव लड़ चुके सुरिंदर सोढ़ी का छत्तीस का आंकड़ा आप की स्टेट सचिव राजविंदर कौर थियाड़ा के साथ है। अब पार्टी में जगबीर बराड़ व पूर्व अकाली नेता कमलजीत भाटिया आ गए हैं, वह अपनी लॉबी अलग खड़ी कर रहे हैं।

राजविंदर कौर कैंट में काफी सक्रिय
पार्टी में विधायक रमन अरोड़ा का तालमेल स्टेट सचिव राजविंदर कौर के साथ ठीक नहीं है। विधायक शीतल अंगुराल व विधायक रमन अरोड़ा के बीच काफी तालमेल है। जालंधर से पंजाब एग्रो एक्सपोर्ट के चेयरमैन मंगल सिंह बासी अलग से राजविंदर कौर के साथ चल रहे हैं और उसकी कैंट के सोढ़ी के साथ काफी ठनी हुई है। कैंट से सोढी ने पिछला चुनाव लड़ा था वह हार गए थे। पार्टी की तरफ से राजविंदर कौर कैंट में काफी सक्रिय हैं, जिससे सोढ़ी की नींद उड़ी हुई है। अब जगबीर बराड़ बीच में आ गए हैं। पंजाब एग्रो के चेयरमैन मंगल सिंह बासी खुद कैंट विधानसभा सीट से पार्टी के प्रबल दावेदार हैं।

शिअद का तालमेल भी बिगड़ा
अकाली दल व बसपा में भी आपस में तालमेल ठीक नहीं है। गांवों में बसपा व अकाली नेताओं के बीच ठीक ठाक नहीं है। दोनों के बीच लंबे समय से तनाव चला आ रहा था, लेकिन तालमेल की कमेटियां नहीं बनी हैं। जिस कारण अकाली नेता बसपा से अलग होकर अपना प्रचार व मीटिंग कर रहे हैं। सुखबीर बादल जालंधर में आते हैं तो बसपाई उनका स्वागत भी करने से कतराते हैं। यही वजह है कि अकाली दल व बसपा की तरफ से संयुक्त उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है।

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