Pragati Bhaarat:
बाबा महाकाल को गर्मी से बचाने के लिए आज शुक्रवार सुबह भस्मारती में 11 मटकियां लगाई गई, जिससे भगवान महाकाल के ऊपर सतत ठंडे जल की धारा प्रवाहित होती रहेगी। बाबा को गर्मी न लगे इसके लिए वैशाख कृष्ण प्रतिपदा (7 अप्रैल 2023 शुक्रवार) की सुबह मंदिर के पंडित और पुजारियों ने मिलकर ठंडे पानी की गलंतिका शिवलिंग के ऊपर बांधी। अब इसमें से लगातार पानी शिवलिंग पर गिरेगा। खास बात यह है कि बाबा महाकाल के शिवलिंग के ऊपर जो मटकियां लगाई गई हैं, उसमें 11 नदियों का जल शामिल किया गया।
भस्मारती से संध्या पूजन तक प्रवाहित की जाती है शीतल जल धारा
श्री महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरू ने बताया कि मान्यता है कि भगवान महाकालेश्वर को वैशाख एवं ज्येष्ठ मास की तपती गर्मी से बचाने के लिए पुजारी-पुरोहित हर साल शिवलिंग के ऊपर 11 गलंतिका (मटकी) बांधते हैं। इन मटकियों से सुबह भस्मआरती से लेकर संध्या पूजन से पहले तक भगवान महाकाल पर ठंडे जल की धारा प्रवाहित की जाती है। ये क्रम दो महीनों तक चलता रहता है। महाकालेश्वर कैलाश निवासी हैं। ऐसे में गर्मी में शीतलता पहुंचाने के लिए गर्मी के मौसम में दो माह भक्त इस तरह का जतन करते है। इसी प्रकार तेज ठंड में भगवान को गर्मजल से स्नान कराने की परंपरा निभाई जाती है। चांदी के कलश की जलधारा के अलावा मिट्टी की 11 मटकियों से भी जलधाराएं प्रवाहित की जाती हैं।
मटकियों पर लिखा है नदियों का नाम
बता दें, इन मटकियों पर गंगा, यमुना, गोदावरी सहित अन्य नदियों के नाम लिखे जाते हैं। मान्यता है कि भगवान महाकाल इससे तृप्त होकर राष्ट्र और प्रजा के कल्याण के लिए सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।