*#यूपीएटा,*
*खबर-कासगंज से-*
*दालमे कुछ काला है,या पूरी दाल ही काली है–
सूत्रों के हवाले से मिली खबर :-चौकाने बाला सच,जिस गांव की आवादी आठ हजार से ऊपर की हो उस गांव मे मात्र प्रधान के द्वारा 19, सौचालय,आवास रसूखदारों की गिनती मे सामिल है।
जिला- कासगंज सिढ़पुरा के पास गांव धनंसिंह पुर इस गांव मे करीब आठ हजार से ऊपर की आवादी है, दुर्भाग्य का कारण है कि अशिक्षित आवाम का भरपूर फायदा उठाया गया और उठाया जा रहा है राशन कम तौलने की शिकायत डीलर 25कि,की जगह मात्र20, किलो राशन तोल रहा है, इस शिकायत पर जब हमने उस गांव के प्रधान सुरेंद्र यादव से बात की तो उन्होंने भी इस खबर को सच बताते हुये अपनी आधी अधूरी जिम्मेदारियों की बात स्वीकार की कि डीलर और कई लोग इसमे सामिल है हमने अपनी आँखों के सामने कई बार राशन बटबाया लेकिन पीछे यह लोग अपनी मनमानी करते है प्रधान की बात गले से हजम नहीं हो रही है अगर प्रधान को यह सब पता था तो ऊपरी स्तर पर कार्रवाई करना उसकी प्राथमिकता में सामिल होना चाहिये था, लेकिन नहीं और आजतक गरीब निवालों का जमकर बाजारीकरण हो रहा है।
खबर पत्रकार, दीप्ति चौहान।* की कलम से