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Homeदेशगहलोत-पायलट की बैठक के बाद बढ़ गई भाजपा की बेचैनी

गहलोत-पायलट की बैठक के बाद बढ़ गई भाजपा की बेचैनी

Pragati Bhaarat:

प्रधानमंत्री मोदी बीते नौ माह से हर महीने राजस्थान आ रहे हैं। लेकिन जुलाई में ही पीएम 20 दिन में दूसरी बार राजस्थान में सभा को संबोधित करने पहुंच रहे हैं। पीएम की रैली नागौर की बजाए 27 जुलाई को सीकर में होने जा रही है। इस रैली के जरिए वे किसान निधि की राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर करने के साथ ही पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत भी करेंगे। इससे पहले वे आठ जुलाई को बीकानेर में सभा के लिए पहुंचे थे।

इन कारणों से पीएम हर माह पहुंच रहे राजस्थान

राजस्थान भाजपा से जुड़े सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि राजस्थान पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का फोकस एरिया बना हुआ है। अन्य चुनावी राज्यों की तुलना में पीएम मोदी राजस्थान में सबसे ज्यादा रैलियां और सरकारी कार्यक्रम कर चुके हैं। इसकी एक सबसे बड़ी वजह यह है कि राज्य में सीएम गहलोत द्वारा शुरू की गईं फ्री योजनाओं का असर दिखाई दे रहा है। इसलिए केंद्र सरकार की कई अहम योजनाएं राजस्थान से शुरू हो रही हैं।

भाजपा नेता बताते हैं कि गहलोत-पायलट खेमों में बंटी कांग्रेस की दिल्ली में छह जुलाई को हुई बैठक के बाद माहौल बदला हुआ नजर आ रहा है। इसलिए अब भाजपा के लिए यह राज्य पहले की तुलना में ओर ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। क्योंकि इस बार प्रदेश में उतनी सरकार विरोधी लहर नजर नहीं आ रही, जितनी पिछले चुनावों में थी। कांग्रेस में बदले माहौल से भाजपा अंदरखाने परेशान है। इसी वजह से पार्टी चुनाव में मोदी की ज्यादा से ज्यादा सभाएं कराने पर फोकस कर रही है।

इसलिए अब रैली के लिए चुना गया सीकर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 28 जुलाई को नागौर जिले खरनाल का दौरा अचानक स्थगित होना और फिर एक दिन बाद ही सीकर दौरा घोषित होना, राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि पीएम मोदी के नागौर के खरनाल दौरे के स्थगित होने के पीछे भाजपा नेताओं ने प्रधानमंत्री की अति व्यस्तता का हवाला दिया। पीएम का दौरा टलने के पीछे कई अन्य कारण भी बताए जा रहे हैं। कोई इसे संसद का मॉनसून सत्र वजह बता रहा है, तो कोई स्थानीय स्तर पर प्रधानमंत्री के विरोध के इनपुट्स मिलना बता रहा हैं। पीएम के खरनाल में प्रस्तावित कार्यक्रम की जिम्मेदारी केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी को दी गई थी, जिसके बाद चौधरी नागौर के खरनाल भी पहुंचे थे। लेकिन वहां स्थानीय लोगों ने उनका घेराव करते हुए जमकर विरोध भी जताया था। लोगों की नाराज़गी क्षेत्र में विकास कार्यों नहीं होने को लेकर बताई गई थी।

भाजपा शेखावाटी क्षेत्र में भी है कमजोर

नागौर के खरनाल के बाद पीएम मोदी का कार्यक्रम सीकर में तय किया गया। प्रदेश की राजनीति समीकरण पर नजर डाले तो सीकर क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। नागौर जिले की तरह भाजपा के लिए शेखावाटी क्षेत्र सीकर भी कमजोर कड़ी है। इसलिए पार्टी ने यहां के राजनीतिक समीकरणों को दुरुस्त करने के लिए पार्टी ने केंद्रीय मंत्री संजीव बालयान को छह माह पहले जिम्मेदारी दी है। पिछले चुनाव में सीकर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। जबकि पिछले तीन चुनाव की बात करें तो सीकर में 2008 में भाजपा को सिर्फ खंडेला सीट पर जीत मिली। इसके बाद 2013 के चुनाव में उसकी स्थिति सुधरी और धोद, सीकर, खंडेला, नीमकाथाना और श्रीमाधोपुर में जीत हासिल हुई, लेकिन 2018 के चुनाव में सीकर की आठ सीटों में से सात पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया, जबकि खंडेला सीट निर्दलीय के खाते में गई। शेखावाटी क्षेत्र में आने वाले चूरू और झुंझुनूं में भी भाजपा की स्थिति कांग्रेस के मुकाबले कमजोर है। पिछले चुनाव में चूरू में भाजपा 6 सीटों में से सिर्फ दो सीटें ही जीत पायी थी, जबकि झुंझुनूं में सात सीटों में से मात्र दो सीटों पर उसके प्रत्याशियों को जीत मिली।

अब हर जिले में होगी भाजपा के बड़े नेताओं की रैली

वैसे तो पीएम मोदी ने 31 जुलाई को अजमेर की सभा से प्रदेश में चुनावी शंखनाद कर दिया था। इन दिन पीएम ने केंद्र सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में महाजनसंपर्क अभियान की शुरुआत की थी। इसके बाद से लगातार प्रदेश में केंद्रीय नेताओं के दौरे शुरू हो गए थे। लेकिन यह सभी दौरे संभाग स्तर पर ही हो रहे थे। लेकिन अब पीएम मोदी की सीकर की सभा को जिलेवार दौरों की शुरुआत से भी जोड़कर देखा जा रहा है। अब तक जोधपुर, उदयपुर, भरतपुर और जयपुर में भाजपा के दिग्गज नेताओं की रैली हो गई है। पार्टी कोटा संभाग को छोड़कर सभी 7 में से 6 संभाग को कवर कर चुकी है। लेकिन अब 27 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी सीकर से जिलों में भी सभाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं। अब जल्द ही जिला स्तर पर केंद्रीय स्तर के नेताओं की सभा होगी। इसमें बड़े नेता सीधे जनता से जुड़े मुद्दे उठाएंगे।

अब 16 अगस्त को खरनाल पहुंचेंगे पीएम

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वीर तेजाजी की जन्मस्थली खरनाल में पीएम मोदी की सभा फिलहाल स्थगित की गई है, लेकिन रद्द नहीं की गई है। इसका स्वरूप बदलकर सरकारी कार्यक्रम के बजाय अब राजनीतिक रैली के रूप में कर दिया गया है। खरनाल में मोदी अब 16 अगस्त को रैली कर सकते हैं। पहले इसे केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से आयोजित किया जाना था, लेकिन अब इसकी जिम्मेदारी पार्टी के संगठन की ओर से उठाई जाएगी।

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