अपने घरों में रहकर भी हम ऐसे,
थर-थर कांप रहे हैं कंबल में|
सोचो जरा कैसे सोते होंगे,
फुटपाथ पर रहने वाले इन ठंडी रातों में|
आप सभी के अपने निस्वार्थ सेवा संस्थान परिवार द्वारा अत्यधिक ठंड को देखते हुए इसी साल में दोबारा से अपनों के बीच जाकर कंबल बांटे गए|
हम सभी का यह मानना है कि सच में जिसको कंबल की आवश्यकता है वह रात में ही पता लगाया जा सकता है इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए निस्वार्थ सेवा संस्थान की टीम के सदस्य रात में जब सब अपने घरों में होते हैं तथा ऐसे मौसम में जब पारा 7°-8° डिग्री के बीच होता है तब सड़कों पर घूम कर जरूरतमंदों को कंबल बांटते हैं|
मुझे यह बताते हुए बड़ा हर्ष हो रहा है कि पिछली बार की अपेक्षा में इस बार जरूरतमंदों की संख्या काफी कम थी तथा आधे से ज्यादा लोग विगत दिनों में निस्वार्थ सेवा संस्थान द्वारा बांटे गए कंबल को ओढ़कर सोते हुए पाए गए|
निश्चित ही आप सभी के मानसिक सहयोग से हम निस्वार्थ सेवा संस्थान के सभी कार्यकर्ताओं को ऊर्जा प्राप्त होती है तथा यह सब कार्य संभव हो पाते हैं|
मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि वह हम सभी के अंदर इस मानवीय सेवा को हमेशा जीवित रखें तथा सभी को स्वस्थ व मस्त रखें|
#NSSZINDABAD
#KAMBALDISTRIBUTION