Home देश बजरंग पूनिया बोले- जब जांच गोपनीय तो बृजभूषण को सब कैसे पता? लड़कियों को क्यों धमकाया जा रहा है?

बजरंग पूनिया बोले- जब जांच गोपनीय तो बृजभूषण को सब कैसे पता? लड़कियों को क्यों धमकाया जा रहा है?

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बजरंग पूनिया बोले- जब जांच गोपनीय तो बृजभूषण को सब कैसे पता? लड़कियों को क्यों धमकाया जा रहा है?

Pragati Bhaarat:

पिछले कुछ दिनों से नई दिल्ली का जंतर-मंतर चर्चा में है। बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत भारत के ओलंपिक पदक विजेता पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया है। ये पहलवान उनकी गिरफ्तारी और पद से इस्तीफे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं।

पहलवानों के मुताबिक, वे तब तक धरने से नहीं उठेंगे, जब तक बृजभूषण को जेल नहीं भेज दिया जाता है। अब तक बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें से एक एफआईआर पॉक्सो एक्ट के तहत और दूसरी एफआईआर बाकी छह पहलवानों के आरोपों पर दर्ज की गई है। हालांकि, बृजभूषण ने आरोपों को खारिज कर दिया है।

इस बीच अमर उजाला जंतर-मंतर पहुंचा और पहलवानों का हाल जाना। 2021 टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने अमर उजाला से बातचीत में दिल्ली पुलिस और बृजभूषण पर कई गंभीर आरोप लगाए। पढ़ें, बजरंग पूनिया से बातचीत के कुछ अंश-

1. प्रदर्शन के बाद से पहलवानों की दिनचर्या कितनी बदली है? पहले आप प्रैक्टिस से लेकर खान-पान पर ध्यान देते थे, लेकिन अब कैसे चीजें प्रभावित हुई हैं?
बजरंग: देख लीजिए आप खुद ही। दिल्ली पुलिस लाइट काट रही है। पानी नहीं आने दे रही। टॉयलेट में पानी नहीं है। रोड पर सो रहे हैं। गद्दे भी नहीं आने दिए। खाना नहीं आने दे रहे। हर तरीके से टॉर्चर किया जा रहा है। देखिए मुश्किल समय आता है, पर उसके बाद अच्छा समय भी आता है। हम उसी के लिए लड़ रहे हैं, क्योंकि यह भारत की बेटियों को न्याय दिलाने की बात है।
2. जिस शख्स से आपकी लड़ाई है, वह तकरीबन 30 साल से राजनीति में हैं। आप जानते हैं कि उनका दबदबा है। अभी मीडिया का समर्थन भी आपको मिल रहा है, लेकिन एक बार सुर्खियों से बाहर होने के बाद के लिए आपकी तैयारी कैसी है?

बजरंग: मुझे लगता है कि जनता जनार्दन से बड़ा कुछ नहीं है। सोशल मीडिया जैसा एक प्लेटफॉर्म है लोगों के पास, जो एक मिनट में जानकारी पूरे देश में फैला सकता है। बहुत सारे मीडियाकर्मी ऐसे हैं, जो सच्चाई को दिखाने की हिम्मत रखते हैं। मुझे नहीं लगता कि वो उन्हें खरीद सकते हैं। देश में मीडिया को चौथा स्तंभ बोलते हैं, जो न्याय दिलाने में सबसे अहम भूमिका निभाता है। सबसे बड़ी न्यायपालिका है, उनसे बड़ा कोई भी नहीं है, चाहे ‘वो’ अपनी ताकत का कितना भी दुरुपयोग कर लें। अभी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने खिलाड़ियों के फेवर में बोला कि एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की? उन्होंने कुछ किया है तभी माननीय न्यायालय ने यह बात कही।

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