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*शिक्षा,सेहत, संस्कार और कठिन परिश्रम -सफलता के सच्चे व सटीक मंत्र-: सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल विश्वम्भर सिंह व रीयर एडमिरल राजवीर सिंह*

*शिक्षा,सेहत, संस्कार और कठिन परिश्रम -सफलता के सच्चे व सटीक मंत्र-: सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल विश्वम्भर सिंह व रीयर एडमिरल राजवीर सिंह*

*राष्ट्रीय त्याग-गोविन्द कुमार शर्मा*

आज की युवा पीढ़ी को कोई भी प्रेरणा लेनी चाहिए तो ऐसे लोगों से लें,जो समाज की सारी बुराई को दूर करते हुये अपने मुकाम तक पहुॅचते हुये कर रहे हैं भारत मॉ की सेवा।

एक छोटे से परिवार में जन्मे दो भाई जब देश सेवा करते हुये देश के अलग-अलग उच्च पदों पर पहुंचे तो परिवार व गॉव के साथ-साथ जनपद के लिए भी गौरव की बात है व आज की युवा पीढ़ी के लिये एक अच्छी प्रेरणा।

बडे भाई लेफ्टीनेंट जनरल से सेवानिवृत्त तो वहीं छोटे भाई रीयर एडमिरल बने।
दोनों भाइयों का बचपन से ही देश सेवा करने का था लक्ष्य,जो उन्होंने अपनी लग्न और मेहनत से पूरा किया। बड़े भाई लेफ्टीनेंट जनरल विश्वम्भर सिंह जो भारतीय सेना में सेवायें देते हुये जून 2018 में सेवानिवृत्त हुए।भारत सरकार ने उन्हें पिछले दिनों रासायनिक एवं उर्वरक मंत्रालय में स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया है।इनके छोटे भाई राजवीर सिंह को भारत सरकार द्वारा 30 दिसंबर 2020 को रीयर एडमिरल के पद पर पदोन्नति दी गई है। जिससे परिवार व ग्रामवासियों को बेहद खुशी हुई है। राजवीर सिंह का जन्म 10 अक्टूबर 1968 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद की इगलास तहसील के गांव तोछीगढ के छोटे से माजरा नगला नन्नू में हुआ था।जो किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। राजवीर सिंह ने प्राइमरी पाठशाला तोछीगढ से 5 वीं तक शिक्षा ग्रहण की उसके बाद 6 से 12 वीं तक विजय विद्यालय इण्टर कॉलेज तोछीगढ में शिक्षा ग्रहण की थी। 12 वीं कक्षा में अध्ययन के दौरान राजवीर सिंह के पिताजी की मृत्यु हो गई,पिताजी की मृत्यु के पश्चात वह आगरा चले गये जहां से उन्होंने ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन की शिक्षा आगरा विश्वविद्यालय आगरा से संपूर्ण की।
आगरा विश्वविद्यालय आगरा से ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद राजवीर सिंह ने नेवी कमीशन में 13 फरवरी 1989 को नौसेना में कमीशन प्राप्त की कमीशन प्राप्त करने के पश्चात लैफ्टीनेन्ट यूनिट रैंक पर राजवीर सिंह ने संचार एवं इलैक्ट्रीकल युद्ध में विशेषज्ञता हांसिल की। इसके पश्चात उन्होंने इसी क्षेत्र में मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग महू (इन्दौर) से उच्चतर योग्यता हासिल की है। इसके पश्चात राजवीर सिंह उसके यूनिट रैंक लैफ्टीनैन्ट कमान्डर में रैंक ऑफ वायरलैस एक्सपैयरीमेन्टल यूनिट की अंडमान-निकोबार की कमान संभाली। राजवीर सिंह ने 2004 में कमांडर रैंक सिग्नल स्कूल मुख्यालय में भारत संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली मैं 5 वर्ष ट्रेनिंग दी भारतीय नौसेना व मित्र देशों के नौसेना के अधिकारियों को नौसेना संचार व प्रशिक्षण दिया। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2008 से 2010 तक 2 वर्ष नौसेना मुख्यालय नई दिल्ली में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात किये गये।कप्तान रैंक में पदोन्नति के बाद राजवीर सिंह नौसेना सैनिक स्कूल सोसायटी में प्रतिनियुक्ति पर सैनिक स्कूल गोपाल गंज (विहार) के प्राचार्य के पद पर वर्ष 2010 से वर्ष 2014 तक 4 वर्ष अपनी सेवाएं दी। इस पद पर रहते हुये राजवीर सिंह ने 4 वर्ष में 3 बार रक्षा राज्य मंत्री द्वारा भी प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया।इसी दौरान राजवीर सिंह को शिक्षा मंत्री भारत सरकार द्वारा भी प्रशस्ति पत्र दिया गया। भारतीय नौसेना अकादमी में 2014 से 2016 तक 2 वर्ष ज्वॉइंट रजिस्ट्रार के पद पर एवं विभागाध्यक्ष नौसेना प्रारंभिक विज्ञान के पद पर तैनात रहे। इसके बाद भारत सरकार द्वारा राजवीर सिंह को पुनः नौसेना मुख्यालय नई दिल्ली में निदेशक भारतीय नौसेना शिक्षा एवं अवर प्रधान निदेशक के पद पर तैनात किये गये। वर्तमान कॉमोडोर राजवीर सिंह पूर्वी नौसेना कमान मुख्यालय विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में कमान्ड शिक्षा एवं कल्याण अधिकारी के पद पर आसीन हैं।30 दिसंबर 2020 को भारत सरकार द्वारा राजवीर सिंह को रीयर एडमिरल के पद पर पदोन्नति दी गई है।

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