Pragati Bhaarat:
International Yoga Day 2023: 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग शरीर और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। योग के नियमित अभ्यास से कई रोगों से बचाव होता है और बीमारियों के लक्षण कम किए जा सकते हैं। योग के फायदों से हर किसी को जागरूक करने के उद्देश्य से योग दिवस मनाते हैं।
विशेषज्ञ कई तरह के योगासनों के बारे में बताते हैं, जो अलग अलग स्वास्थ्य समस्याओं में किए जा सकते हैं। कई आसनों के अलावा प्राणायाम, मुद्राएं भी हैं। यह सभी स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाती हैं। हालांकि अगर आप पहली बार योग कर रहे हैं तो आपको कुछ खास योगासनों के बारे में पता होना चाहिए। नए योगियों के लिए ये 8 योगासन असरदार हैं, जो हर उम्र के लोग, चाहें महिला और पुरुष कर सकते हैं। आइए जानते हैं 8 योगासनों के बारे में।
सर्वांगासन
इस आसन के अभ्यास से ब्लड सर्कुलेशन नियंत्रित रहता है, हेल्दी थायराॅयड ग्रंथि को बनाए रखता है। कब्ज की शिकायत दूर होती है, बालों का झड़ना कम करता है, तनाव स्तर को कम करता है। नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है। वजन को काबू करने के साथ ही स्वस्थ हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा देता है।
गोमुखासन
गोमुखासन का अभ्यास हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत, कंधों की जकड़न, रीढ़ को लंबा करने, गलत पोजीशन को ठीक करने, तनाव व चिंता कम करने और पीठ की मसल्स को मजबूत बनाने में असरदार है।
सेतुबंधासन
सेतुबंधासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। इस आसन के अभ्यास से छाती, गर्दन और रीढ़ की हड्डी में खिचाव लाता है और मस्तिष्क को शांत रखने, तनाव व हल्के अवसाद को कम करने में भी सहायक है। सेतुबंधासन से पाचन में सुधार आता है। साथ ही पेट के अंगों, फेफड़ों और थायराइड को उत्तेजित करता है।
मार्जरी पोज
पेट संबंधी कई तरह की समस्याओं, पेट के अंगों की मालिश और कब्ज आदि को दूर करने के लिए मार्जरी आसन का अभ्यास असरदार है। आंतों को स्वस्थ रखने और पेट फूलने की शिकायत से छुटकारा दिलाने में भी मार्जरी योग लाभकारी है। पेट, पीठ व रीढ़ की समस्याओं से निजात पाने के लिए इस योग का नियमित अभ्यास कर सकते हैं।
अधोमुख श्वानासन
आपको अधोमुख श्वानासन का अभ्यास नियमित करना चाहिए। इस आसन के अभ्यास से सिरदर्द, अनिद्रा, पीठ दर्द और थकान से राहत मिलती है। बाजुओं और टांगों को मजबूत बनाने, कंधों पिंडली और बाजुओं में खिचाव लाने में मदद मिलती है। पाचन क्रिया में सुधार के लिए यह योगासन असरदार है।
पश्चिमोत्तानासन
यह आसन तनाव कम करने, पेट की चर्बी दूर करने, हड्डियों को लचीला बनाने, बेहतर पाचन के लिए और अनिद्रा की समस्या को दूर करने में असरदार है।
अनुलोम-विलोम प्राणायाम
आसन के साथ ही प्राणायाम भी लाभदायी है। योगी को नियमित अनुलोम विलोम प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए। अनुलोम विलोम प्राणायाम के अभ्यास से सिरदर्द/माइग्रेन से राहत मिलती है। नींद की गुणवत्ता में सुधार, अवसाद, तनाव और चिंता दूर करने के साथ ही अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसे श्वसन विकारों के इलाज में इसका नियमित अभ्यास करना उपयोगी है।
कपालभाति प्राणायाम
International Yoga Day 2023: मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को बेहतर बनाने, वजन कम करने, शरीर की सभी नाड़ियों को शुद्ध करने, पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में कपालभाति प्राणायाम असरदार है। इस प्राणायाम के अभ्यास से शरीर में रक्त का परिसंचरण सही रहता है और चेहरे पर चमक बढ़ती है।