मीलपुरवा के ग्रामीणों ने लेखपाल सतीश श्रीवास्तव पर लगाए गंभीर आरोप

 

रोहित श्रीवास्तव

लखीमपुर खीरी । मीलपुरवा के ग्रामीणों ने लेखपाल पर लगाए गंभीर आरोप जबकि हाल में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जारी किया था आदेश की गरीबों को छेड़ेंगे नहीं, और अपराधियों को छोड़ेंगे नहीं इसी तर्ज़ पर प्रशासन को भी कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया किंतु प्रशासनिक मशीनरी का जो निचला तबका (लेखपाल कानूनगो) है वो इस आदेश को अपनी कमाई का एक ससक्त जरिया बना लिया हैं इन राजस्व कर्मियों ने अपनी गिद्ध दृष्टि उन असहाय कमज़ोर और गरीब तबके, के लोगों पर गड़ाई जो कम पढ़े लिखे या निरक्षर है जिन्हें आसानी से डरा धमाका कर अपना शिकार बनाया जा सकता है इसी क्रम में सदर तहसील लखीमपुर के राजस्व गांव सरवा के लेखपाल सतीश श्रीवास्तव ने मीलपुरवा के कई ग्रामीणों को अपने ही स्तर से अपने ही नाम व हस्ताक्षर से नोटिस जारी कर वसूली अभियान चला रखा है ऐसा ग्रामीणों का आरोप है कई ग्रामीण ऐसे भी है जिन्होंने बीस 20 हज़ार रुपए लेखपाल को देने की भी बात बताई अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर इन ग्रामीणों के घर अवैध है और इन्होंने अपना घर खाद के गढ्ढे में बना रखे हैं तो 20 हज़ार रुपए लेखपाल को देने के बाद इनका घर वैध कैसे हो जाता हैं और जो ग्रामीण इन लेखपाल साहब को 20 हजार रुपए नही दे पता है या देने में सक्षम नहीं हैं उन ग्रामीणों का घर अवैध हो जाता है और लेखपाल साहब अपनी सेटिंग वाले दो सिपाहियों को लेकर इन ग्रामीणों को डराने धमकाने इनके घर पहुंच जाते हैं और कहते हैं कि आ कर हमसे मिल लेना वर्ना पांच दिन की मोहलत दे रहा हूं पांच दिन बाद तुम लोगों का ये घर गिरा दिया जाएगा इस संबंध में जब सरवा गांव के मुखिया श्याम नारायण गिरी से बात की गई तो मुखिया ने भी ग्रामीणों के इन आरोपों की तसदीक की और ग्रामीणों की बात को सही बताया तथा लेखपाल के विरूद्ध कार्यवाही की मांग की अगर हो इस पूरे प्रकरण की उच्च अधिकारियों द्वारा जांच तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है।

क्या कहते है लेखपाल साहब

इस संबंध में जब लेखपाल सतीश श्रीवास्तव का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो उन्होंने बिना बात किए फोन काट दिया ।

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