Home देश गोई नदी पर बना 46 साल पुराना पुल 10 सेकंड में ढहा, गुजरात की कंपनी ने साइलेंट ब्लास्ट से किया जमींदोज

गोई नदी पर बना 46 साल पुराना पुल 10 सेकंड में ढहा, गुजरात की कंपनी ने साइलेंट ब्लास्ट से किया जमींदोज

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गोई नदी पर बना 46 साल पुराना पुल 10 सेकंड में ढहा, गुजरात की कंपनी ने साइलेंट ब्लास्ट से किया जमींदोज

Pragati Bhaarat:

मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले के अंतर्गत आने वाले लगभग 46 साल पुराने एक पुल को ब्लास्ट कर गिरा दिया गया। पाटी की गोई नदी पर बने इस जर्जर पुल को ब्लास्ट कर ढहा दिया गया। एक साथ दो ब्लास्ट कर मात्र 10 सेकंड में ही इसे जमींदोज कर दिया गया। अब नदी पर एक नया पुल बनाया जाएगा। दरअसल, पिछले दिनों से इस जर्जर पुल के दोनों साइड को तोड़ने के दौरान उसका एक स्लीपिंग बीम गिर गया था और केवल बीच के चार स्लीपिंग ही बचे थे। जिन्हें साइलेंट ब्लास्ट कर ध्वस्त कर दिया गया। पुल को इस तरह गिराया गया कि उसका मलबा 100 मीटर के दायरे के बाहर नहीं जाए।

ऐसे गिराया गया पुल का हिस्सा
पुल ढहाने के पहले गुजरात की निर्माण एजेंसी के द्वारा अपनी तरफ से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। ब्लास्ट से पहले कम्पनी के कर्मचारियों ने आसपास के लोगों को सूचना देकर उन्हें इस स्थान से दूर रहने के लिए सतर्क किया। जिसमें उन्होंने आमजन के साथ ही साथ मवेशियों को भी पुल के आसपास के हिस्से से दूर रखने की हिदायत दी। निर्माण एजेंसी के कर्मचारियों के अनुसार ब्लास्टिंग के लिए पुल के पिल्लर में होल किए गए थे।

कंस्ट्रक्शन कंपनी के अनुसार गोई नदी पर बना यह पुल 215 मीटर लंबा था। जिसके दोनों तरफ के छोरों को मशीनों से पहले ही तोड़ा जा चुका था। पुल का सिर्फ बीच का हिस्सा ही बचा था। जिसे अब जिलेटिन की मदद से तोड़ा गया। कम्पनी के इंजीनियरों के मुताबिक यहाँ रहवासी क्षेत्र होने के कारण उन्होंने बारूद का उपयोग नहीं करते हुए केवल जिलेटिन ही इस्तेमाल किया। जिलेटिन की रॉड को पिल्लर के अंदर लगाया गया था।

अब बनाया गया है वैकल्पिक मार्ग
प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक करीब 46 साल पुराना यह पुल बड़वानी शहर और पाटी क्षेत्र को जोड़ता था, जो कि समय के साथ-साथ फिलहाल कमजोर और जर्जर हो गया था। इस कारण इस पर से वाहनों की आवाजाही भी बहुत कम होती थी। पुल को तोड़ने के साथ ही नए पुल के निर्माण होने तक अधिकारियों के द्वारा एक वैकल्पिक मार्ग बनाया गया है। अब नया पुल बनने के बाद बड़वानी से महाराष्ट्र और गुजरात जाने वाले राहगीरों के लिए इससे आसानी होगी।

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