भारत में चीतों को फिर से बसाने के इतिहास में दूसरा क्षिण अफ्रीका अध्याय आज यानी शनिवार को जुड़ गया। नामीबिया से आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए जाने के ठीक पांच महीने बाद दक्षिण अफ्रीका से लाए जा रहे 12 चीतों के कदम भारत की जमीन पर पड़ गए हैं।
सुबह 10 बजे पहुंचेगा विमान
चीतों को लेकर शुक्रवार को दक्षिण अफ्रीका से रवाना हुआ वायुसेना का विशेष विमान आज सुबह 10 बजे ग्वालियर के महाराजपुरा एयर टर्मिनल पर उतरा। अब यहां से सुबह 11 बजे तक तीन हेलीकाप्टर चीतों को लेकर कूनो राष्ट्रीय उद्यान पहुंचेंगे।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश के वन मंत्री कुंवर विजय शाह चीतों को क्वारंटाइन बाड़ों में छोड़ेंगे।
पीएम मोदी का धन्यवाद
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ”कूनो नेशनल पार्क में आज चीतों की संख्या बढ़ने वाली है। मैं पीएम मोदी को तहे दिल से धन्यवाद देता हूं, यह उनका विजन है। कूनो में 12 चीतों का पुनर्वास किया जाएगा, जिसके बाद चीतों की कुल संख्या 20 हो जाएगी।”
17 सितंबर को नामीबिया से लाए गए थे आठ चीते
बता दें, पिछले साल 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नामीबिया से लाए गए चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़ा था। इनमें पांच मादा और तीन नर चीता थे। 18 फरवरी को लाए जा रहे 12 चीतों में सात नर और पांच मादा चीता हैं।
तैयारी को अंतिम रूप देने के लिए कलेक्टर शिवम वर्मा, एसपी आलोक कुमार सिंह और डीएफओ प्रकाश वर्मा ने शुक्रवार को लगभग पूरा दिन कूनो राष्ट्रीय उद्यान में बिताया। चीतों को लाने वाले हेलीकाप्टर के लिए पांच हेलीपैड तैयार हो चुके हैं।
हर साल भारत लाए जाएंगे 12 चीते
पिछले महीने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच चीते दिए जाने को लेकर अनुबंध हुआ था। इसके अनुसार, अब वहां से आठ से 10 वर्षों तक हर साल 12 चीते भारत लाए जाएंगे।
पहले चरण में लाए गए आठ चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान का माहौल रास आया है। भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनर्स्थापना के लिए देश के 10 क्षेत्रों में सर्वे करने के बाद कूनो राष्ट्रीय उद्यान को चुना था।
पांच बड़ी बातें
दक्षिण अफ्रीका और भारत की सरकारों ने भारत में चीतों को फिर से लाने पर सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
चीता 1952 में भारत से विलुप्त हो गया था।
भारतीय क्षिण अफ्रीका वायुसेना का सी-17 ग्लोबमास्टर कार्गो विमान दक्षिण अफ्रीका से 12 चीतों को लेकर भारत आ रहा है। चीतों को जोहान्सबर्ग के ओआर टैंबो इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भारत लाया जा रहा है।
फिंदा गेम रिजर्व से 3, तस्वालू कालाहारी रिजर्व से 3, वाटरबर्ग बायोस्फीयर से 3, क्वांडवे गेम रिजर्व से 2 और मपेसू गेम रिजर्व से 1 चीतों को उपलब्ध कराया गया है।
फरवरी में 12 चीतों के आयात के बाद अगले आठ से 10 वर्षों के लिए सालाना 12 चीतों को स्थानांतरित करने की योजना है।