spot_imgspot_imgspot_img
Homeराज्यदिल्लीआप बनाम बीजेपी: कबीर का दावा- सीबीआई अधिकारी सिसोदिया की गिरफ्तारी के...

आप बनाम बीजेपी: कबीर का दावा- सीबीआई अधिकारी सिसोदिया की गिरफ्तारी के पक्ष में नहीं थे, सियासत में हुई कार्रवाई

ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी सिसोदिया का सम्मान करते हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है। आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की देशभर में बढ़ती लोकप्रियता को रोकने लिए को गिरफ्तार कराया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दावा किया कि सीबीआई के अधिकतर अधिकारी उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के पक्ष में नहीं थे, लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उनको गिरफ्तार करना पड़ा। ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने कहा कि सीबीआई के अधिकारी सिसोदिया का सम्मान करते हैं और उनके खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है।

वहीं, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि मोदी सरकार ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की देशभर में बढ़ती लोकप्रियता को रोकने और अपने घोटालों पर पर्दा डालने के लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कराया है।

दरअसल, मोदी सरकार लाखों करोड़ रुपये के घोटाले में फंसी है। इससे देश का ध्यान भटकाने के लिए यह कार्रवाई की गई। वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय में घुसकर कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट कर उनकी गिरफ्तारी की।

संजय सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अडाणी ने मॉरीशस में छह फर्जी कंपनियां खोलीं और 42 हजार करोड़ रुपये का कालाधन अपनी कंपनियों में लगाया। देश जानना चाहता है कि अदाणी की कंपनियों में किसका काला धन लगा है।

अगर इसकी जांच हो गई, तो प्रधानमंत्री बेनकाब हो जाएंगे। इस मामले में आम आदमी पार्टी चुप रहने वाली नहीं है और वह उनके घोटाले को देश के घर-घर में पहुंचाने का काम करेगी।

कोर्ट में जवाब नहीं दे पाई सीबीआई: गोपाल राय

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि कोर्ट में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी को लेकर सीबीआई जवाब नहीं दे पाई। वह बस रिमांड की मांग करती रही। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा कि मनीष सिसोदिया से दो बार पूछताछ की है फिर भी रिमांड क्यों मांग रहे हो?, इसका सीबीआई के पास कोई जवाब नहीं था।

उन्होंने कहा कि सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति में हेरफेर का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया है, जबकि इस नीति पर अंतिम मुहर तत्कालीन उपराज्यपाल ने लगाई है।

उनसे पूछताछ क्यों नहीं हो रही है? उनका नाम भी इस मामले में नहीं है, अगर निष्पक्ष जांच करानी है तो उपराज्यपाल की भी जांच हो, लेकिन यह इस बात का सबूत है कि घोटाले की जांच नहीं हो रही है, बल्कि गंदी राजनीति के तहत सारा खेल हो रहा है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Most Popular

Recent Comments