spot_imgspot_imgspot_img
Homeखेलभोपाल : शाहपुरा में अन्न उत्सव के बहाने हॉकर्स कॉर्नर पर कब्जा...

भोपाल : शाहपुरा में अन्न उत्सव के बहाने हॉकर्स कॉर्नर पर कब्जा नगर निगम ने हटाया

शाहपुरा भोपाल में कैंपियन स्कूल के सामने फूड फेस्टिवल के आयोजन के लिए लगाई दुकानों का यहां स्थाई कब्जा हो गया था जिससे यहां आपराधिक घटनाएं बढ़ रही थी। वहीं भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने अपने रिश्तेदारों को भी यहां कब्जा करवा दिया था। एक ही व्यक्ति और परिवार के नाम पर कई दुकानें संचालित की जा रही थी।

जिसके बाद गुरुवार को नगर निगम के अतिक्रमण अमले ने यहां रखी अवैध गुमठी व ठेलों को हटाया है। इसको लेकर बीते नौ फरवरी को नवदुनिया ने खबर भी प्रकाशित की थी, जिसके बाद जिम्मेदार अधिकारियों ने यहां जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया था।

अतिक्रमण प्रभारी नासिर खान ने बताया कि वर्ष 2014 से 2017 तक यहां प्रतिवर्ष फूड फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इस दौरान जिन लोगों ने यहां खाद्य सामग्रियों के स्टाल लगाए थे।

उन्होंने स्थाई कब्जा कर लिया था। जिसके बाद नगर निगम ने यहां कुछ दुकानों को छह बाय आठ फीट की जमीन पर व्यवसाय करने के लिए अस्थाई अनुमति दी। लेकिन यहां 100 से अधिक दुकानें लगने लगी थी।

रहवासियों ने भी आयुक्त को शिकायत कर बताया था कि शाहपुरा हाकर्स कार्नर की वजह से क्षेत्र में लव जेहाद के मामले बढ़ रहे हैं। यहां से महिलाओं और बच्चियों का निकलना मुश्किल हो गया है।

सड़क पर वाहन खड़ा करने से हादसे और आपराधिक घटनाएं बढ रही थी। जिसके बाद नगर निगम ने यहां सर्वे कराया था। इसमें सामने आया कि कई लोगों के पास अस्थाई अनुमति भी नहीं है।

मीणा परिवार की 32 तो पूर्व पार्षद की 12 दुकानें

नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि शाहपुरा हाकर्स कार्नर में विक्रम मीणा के परिवारजनों ने 32 और वार्ड 48 की पूर्व पार्षद और वर्तमान एमआइसी सुषमा बबीसा के स्वजनों द्वारा 12 अवैध दुकानें लगाई जा रही थी। इनके अलावा सुरेश कुमार शाक्या के स्वजनों के नाम पर छह दुकानें लगाई जा रही थी।

इसी तरह अन्य लोगों ने भी एक से अधिक दुकानों पर कब्जा किया था।लेकिन जब नगर निगम ने वर्ष 2014 से 2017 के बीच की लिस्ट निकाली तो पता चला कि केवल यहां 20 दुकानें लगाने की अनुमति है। ऐसे में 50 से अधिक गुमठी व ठेलों का अतिक्रमण हटाया गया।

इनका कहना

शाहपुरा भोपाल हाकर्स कार्नर में लगातार शिकायत मिल रही थी। यहां लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था। जिन लोगों के पास 2024 से 2017 तक के बिजली के बिल समेत अन्य दस्तावेज थे, उन्हें छोडा गया है। यदि अन्य लोगों के पास भी दस्तावेज होंगे, तो उन्हें नहीं हटाया जाएगा।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

Most Popular

Recent Comments