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Budget 2023 : स्वच्छ ईंधन से सुधरेगी दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा

इससे आवागमन में सहूलियतें बढ़ने के साथ ही दमघोंंटू प्रदूषण से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट में किए गए प्रावधानों से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी।

स्वच्छ ईंधन से दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा सुधरेगी। इससे आवागमन में सहूलियतें बढ़ने के साथ ही दमघोंंटू प्रदूषण से बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट में किए गए प्रावधानों से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी। बैटरी स्टोरेज और ई-वाहनों में इस्तेमाल होने वाले उपकरण, खासकर लिथियम-ऑयन बैटरी पर सीमा शुल्क घटने से ई-वाहनों की कीमतें कम होंगी। फिलहाल, ई-वाहनों की कीमत का औसत 50 फीसदी खर्च बैटरी के मद में होता है।

स्वच्छ ईंधन से चलने वाले वाहनों के लिए बजट में दी गई बूस्टर डोज से दिल्ली-एनसीआर में ई-वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी की रफ्तार भी और तेज होने की उम्मीद है। इससे यात्रा सुलभ होगी और सहूलियतें भी बढ़ेंगी। केंद्रीय बजट में किए गए प्रावधानों को विशेषज्ञों ने सराहना करते हुए ग्रीन मोबिलिटी के लिहाज से उठाया गया कदम बता रहे हैं। उनका कहना है कि अगले चार-पांच वर्षों में इसका असर दिखने लगेगा।

बैटरी स्टोरेज की क्षमता होने से वाहनों के अलावा औद्योगिक इकाइयों, कृषि, डीजी सेट्स सहित दूसरे उपकरणोंं में भी इस्तेमाल कर सकेेंगे। इसके तहत वाहनों में बैटरियाें की फर्स्ट लाइफ खत्म होने के बाद दूसरी बार भी इस्तेमाल कर सकेंगे। वाहनों में 80% इस्तेमाल होने के बाद बैटरी स्टोरेज सुविधा से सेकंड लाइफ के जरिये फिर इस्तेमाल हो सकेगी। ग्रीन हाइड्रोजन तकनीक से वाहनों को चलाने के लिए हाइड्रोजन ट्रक व बस की भी शुरुआत की जाएगी।

लिथियम-आयन ड्यूटी को 21 से घटाकर 13% कर दिया गया है। इससे बैटरियों की कीमत कम होगी, नतीजतन ई वाहनों की कीमत भी कम होंगी। किसी भी ई-वाहन की कुल लागत में बैटरी की औसत 50% तक की हिस्सेदारी है। इससे ही ई-वाहनों की कीमत फिलहाल अधिक है। सब्सिडी एक साल के लिए और बढ़ाने से भी ई-वाहनों को फर्राटा भरने का मौका मिलेगा। एनसीआर में पहले ही ई-वाहनों में बढ़ोतरी दर्ज होने के बाद देश के दूसरे राज्यों से अग्रणी है।

बजट में क्लीन मोबिलिटी को विशेष प्राथमिकता दी गई है। इससे परंपरागत परिवहन विकल्पों के साथ ही प्रदूषण कम करने के लिए स्वच्छ पर्यावरण के लिए की जा रही पहल को बढ़ावा दिया गया है। ईवी इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने सहित बैटरी की कीमत में कमी और एनर्जी स्टोरेज के लिए किए प्रावधानों का फायदा वाहन मालिकों मिलेगा। हाईड्रोजन मिशन प्रोग्राम, ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम से भी ग्रीन मोबिलिटी को प्रोत्साहन मिलेगा।

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