Pragati Bhaarat:
राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने के मामले पर जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है। जिस पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने खुशी जाहिर की है और जर्मनी के विदेश मंत्रालय को धन्यवाद कहा है। हालांकि इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा है कि भारत किसी भी आंतरिक मामले पर विदेशी दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा।
दिग्विजय सिंह ने कहा धन्यवाद
दिग्विजय सिंह ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘धन्यवाद, जर्मनी विदेश मंत्रालय और रिचर्ड वॉकर, जिन्होंने इस पर ध्यान दिया कि किस तरह से राहुल गांधी को निशाना बनाने के लिए लोकतंत्र को कमजोर किया जा रहा है।’ दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तुरंत पलटवार किया है।
किरेन रिजिजू ने दिग्विजय सिंह के ट्वीट के जवाब में लिखा कि ‘विदेशी ताकतों को भारत के अंदरूनी मामलों में दखल देने के लिए आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद राहुल गांधी। याद रखें, भारतीय न्यायपालिका विदेशी दखल से प्रभावित नहीं हो सकती। भारत अब विदेशी ताकतों के दखल को बर्दाश्त नहीं करेगा क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।’
वित्त मंत्री ने चीन के मामले पर घेरा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी दिग्विजय सिंह के ट्वीट का जवाब देते हुए ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने चीन का मामला उठा दिया। निर्मला सीतारमण ने लिखा कि ‘साफ है कि कांग्रेस हमारे आंतरिक मामलों में विदेशी दखल चाहती है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ अपारदर्शी एमओयू पर हस्ताक्षर करना हो या फिर विदेश में चर्चा के दौरान सरकार बदलने के लिए विदेशी मदद की मांग। अब कोई और सबूत भी चाहिए? जब मदद आ जाए तब धन्यवाद कहिएगा।’
क्या कहा जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने
राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने के बाद इस मुद्दे पर देश में राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। अब जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर बयान दिया है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने राहुल गांधी मामले पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि ‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि राहुल गांधी के मामले में न्यायिक स्वतंत्रता के मानक और मौलिक लोकतांत्रिक सिद्धांत लागू होंगे।’