भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर इन दिनों फिजी दौरे पर हैं। वहां बुधवार को उन्होंने नाडी में 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन में शिरकत की। गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्री ने फिजी के प्रधानमंत्री से मुलाकात की। मुलाकात में दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर बातचीत हुई।
बैठक के बाद भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि भारत और फिजी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक तौर पर बेहद करीबी देश हैं। हमने दोनों देशों के बीच वीजा में छूट के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह दोनों देशों के नागरिकों के बीच पर्यटन को बढ़ावा देगा। हिंदी सम्मेलन का अनुभव भी सभी प्रतिनिधियों और उनके परिवारों को फिजी आने को प्रेरित करेगा।
‘मुश्किल समय में फिजी के साथ खड़ा रहा है भारत’
एस जयशंकर ने कहा कि भारत और फिजी के लोगों का लोगों से संबंध है और दोनों देशों के बीच संबंध काफी पुराने भी हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि जैसे राष्ट्र निर्माण वाले क्षेत्रों में फिजी की मदद करना हमारे लिए खुशी की बात है। विदेश मंत्री ने कहा कि हमने फिजी के गन्ना उद्योग में काम किया है।
साथ ही हम अक्षय ऊर्जा और छोटे और मध्यम उद्योगों को आईटी सपोर्ट मुहैया कराने पर भी विचार कर रहे हैं। फिजी प्राकृतिक आपदाओं के लिए संवेदनशील इलाका है और भारत हमेशा के मुश्किल समय में उसके साथ खड़ा रहा है। कोरोना जैसे समय में हमने की मदद की और वैक्सीन मैत्री के तहत फिजी को एक लाख वैक्सीन की डोज भेजी गईं थी।
फिजी के प्रधानमंत्री सिटिवेनी राबुका ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी और भारत को सरकार की 12वें विश्व हिंदी सम्मेलन का में सह-आयोजन करने के लिए तारीफ करता हूं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भारत हमेशा से का खास दोस्त और विश्वसनीय सहयोगी रहा है। साथ हमें हमने मजबूत साझेदारी विकसित की है, जिसमें राष्ट्र निर्माण के सभी एरिया कवर हैं। भारत हमेशा जरूरत के वक्त हमारे साथ खड़ा रहा है। हम सौभाग्यशाली हैं कि कोरोना महामारी संकट के दौरान भारत ने हमें वैक्सीन की मदद दी।
चीन को लेकर ये बोले फिजी के पीएम
फिजी के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ बैठक अहम रही। दोनों के बीच हुई सकारात्मक बातचीत से दोनों देशों के बीच अहम क्षेत्रों जैसे स्वास्थ्य और शिक्षा में सहयोग बढ़ेगा। प्रशांत महासागर क्षेत्र के विकास के लिए भारत के समर्पण की हम तारीफ करते हैं।
फिजी के प्रधानमंत्री ने भारत सरकार को सहयोग के लिए धन्यवाद भी दिया। चीन के साथ सहयोग पर के प्रधानमंत्री ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हमारे पास हमारे पुराने दोस्त हैं और हमें नए दोस्तों की जरूरत नहीं है। भारत और चीन के साथ हमारे पुराने संबंध रहे हैं और हम इस साझेदारी को आगे भी जारी रखेंगे।
भारत और के बीच वीजा में छूट के समझौते पर भी हस्ताक्षर हुए। इसके तहत दोनों देशों के उन नागरिकों को वीजा लेने में छूट दी जाएगी, जिनके पास डिप्लोमैटिक और काम संबंधी पासपोर्ट है। इससे जाने वाले भारतीयों की तादाद में इजाफा हो सकता है।