Pragati Bhaarat:
वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल का अब तक सुरक्षा एजेंसियां कोई सुराग नहीं लगा पाईं हैं। उसके देश से भागने की आशंका है। इस बीच उसकी पत्नी किरणदीप कौर ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में अपना पक्ष रखा। किरणदीप ने कहा कि अमृतपाल अभी कहां है, उसे नहीं मालूम। काफी समय से उसका अमृतपाल से कोई संपर्क नहीं हुआ। अगर वह पुलिस के पास है तो उसे पेश करना चाहिए। मैंने अमृतपाल के लिए अपनी नौकरी और परिवार छोड़ा है। अब उसे इस हाल में छोड़कर नहीं जाऊंगी।
किरणदीप कौर ने अमृतपाल को बेकसूर बताते हुए कहा कि उसकी पहली पसंद सिख धर्म का प्रचार है, मैं उसकी दूसरी पसंद हूं। वह अपनी जत्थेबंदी और धर्म प्रचार के काम को ही प्राथमिकता देता है। धर्म और पंजाब के लोगों के लिए आवाज उठाता रहा है। वह अपने वीडियो सोशल मीडिया पर डालता था, जिसे मैंने देखा और सुना। सोशल मीडिया के माध्यम से ही मैं उसके संपर्क में आई लेकिन तब यह अंदाजा नहीं था कि हमारी शादी होगी।
पहली बार इंस्टाग्राम पर उसके साथ मुलाकात हुई थी। मैं उसकी पोस्ट और वीडियो जरूर देखती थी लेकिन कभी शेयर नहीं किया। मैं आध्यात्मिक विचारों वाली हूं। नॉन वेज नहीं लेती और न ही ड्रिंक करती हूं। मेरी यही बातें अमृतपाल को पसंद आईं। हालांकि मैं अमृतपाल की तरह धार्मिक नहीं हूं। फिर भी उसने मेरे साथ शादी की। मेरे परिवार ने कभी इसका विरोध नहीं किया।
किरणदीप ने बताया कि उसके दादा 1951 में यूके चले गए थे। तभी से उनका परिवार वहीं रह रहा है। उसने कहा कि मेरा परिवार सिख प्रचारकों का परिवार नहीं है। अन्य सिख परिवारों की तरह यूके के गुरुद्वारा साहिब में जाती थी। मैंने 12 वर्ष की उम्र से गुरुद्वारा साहिब जाना शुरू किया। मैं अमृतपाल के साथ किसी कार्यक्रम में नहीं गई और न ही अमृतपाल मुझे लेकर जाना चाहता था। वह चाहता था कि कोई मुझे अमृतपाल के नाम के साथ जोड़कर न पहचाने, जिससे भविष्य में कोई समस्या पैदा न हो। हमने यह फैसला भी नहीं किया था कि हमेशा ही पंजाब में ही रहेंगे।
मुझ पर लग रहे आरोप गलत
मेरे साथ जो भी गैरकानूनी जोड़ा जा रहा है, वह सारे आरोप गलत हैं। मैं यहां दो माह से रह रही हूं। मैंने कोई गैरकानूनी काम नहीं किया। अब यह मेरा घर है। छह माह के बाद मैं यूके जाऊंगी। अगर अमृतपाल भी चलेगा तो ठीक है, नहीं तो मैं वापस भारत आ जाऊंगी, जिसे अमृतपाल रिवर्स इमिग्रेशन कहता है, हम उसे सही सिद्ध करेंगे।