Pragati Bhaarat:
एनसीईआरटी की 12वीं कक्षा की नई पाठ्यपुस्तकों में हुई ऐतिहासिक घटनाओं एवं प्रसंगों की काट-छांट पर कांग्रेस भड़की हुई है। कांग्रेस नेता ने इसे लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर प्रतिशोध के भावना से काम करने और इतिहास बदलने की कोशिश का आरोप लगा रही है। जबकि, भाजपा का कहना है कि वह सिर्फ ऐतिहासिक गलतियों को सुधार रही है। वहीं, एनसीईआरटी का दावा है कि इस साल पाठ्यक्रम में कोई कटौती नहीं हुई है और पिछले साल जून में पाठ्यक्रम को युक्तिसंगत बनाया गया था।
कांग्रेस नेताओं ने साधा था केंद्र सरकार पर निशाना
कांग्रेस ने बुधवार को एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से गायब कुछ पाठों को लेकर सरकार पर निशाना साधा था, जिसमें महात्मा गांधी की हत्या, गांधी की हिंदू-मुस्लिम एकता की खोज, कुछ समय के लिए आरएसएस पर प्रतिबंध आदि नए शैक्षणिक सत्र के लिए 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों से गायब हैं। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने भी गुजरात दंगों से जुड़ा पाठ हटाने पर सरकार की आलोचना की।
इस पर एक मीडिया रिपोर्ट को टैग करते हुए कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर लिखा, बदले की भावना से लीपापोती। एक अन्य रिपोर्ट को टैग करते हुए जिसमें दावा किया गया है कि मुगलों और दलित लेखकों से संबंधित अध्यायों को भी पाठ्यपुस्तकों से हटा दिया गया है, उन्होंने कहा कि यह सत्तारूढ़ शासन की सच्ची मानसिकता को प्रकट करता है। आखिरकार, आरएसएस ने न केवल गांधी पर हमला किया था, बल्कि डॉ आंबेडकर ने का भी विरोध किया था।
केंद्रीय मंत्री करंदलाजे ने याद दिलाया सिखों और कश्मीर पंडितों का नरसंहार
कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने पाठ्यपुस्तकों से कुछ संदर्भों को हटाने के फैसले का बचाव किया और कहा कि कांग्रेस ने भारत के ऐतिहासिक तथ्यों से सबसे बड़ी जोड़तोड़ की है और भाजपा केवल अतीत के गलत कामों को सुधार रही है।
केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि जो ऐतिहासिक तथ्य कांग्रेस को कोसते थे जैसे- मुगलों की बर्बरता, आपातकाल का दौर, कश्मीर पंडितों और सिखों का नरसंहार, कांग्रेस का भ्रष्टाचार आदि को कभी भी पाठ्यपुस्तकों में शामिल नहीं किया और न ही पढ़ाया गया। भाजपा केवल कांग्रेस के गलत कामों को सुधार रही है।
एनसीईआरटी अधिकारी बोले- विशेषज्ञ पैनल ने की थी सिफारिश
पाठ्यपुस्तकों से हटाने के बारे में पूछे जाने पर, एनसीईआरटी के एक अधिकारी ने कहा कि विषय विशेषज्ञ पैनल ने महात्मा गांधी से जुड़े अप्रासंगिक पाठों को हटाने की सिफारिश की थी। इसे पिछले साल ही स्वीकार किया गया था। निरीक्षण के कारण तर्कसंगत सामग्री की सूची में इसका उल्लेख नहीं किया गया था। सूची एक या दो दिन में अधिसूचित की जाएगी।