Pragati Bhaarat:
उत्तर रेलवे ने उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला (यूएसबीआरएल) रेल परियोजना के तहत निर्माणाधीन कटरा-बनिहाल सेक्शन में सवालकोट और संगलदन स्टेशन के बीच टनल टी-14 (मुख्य सुरंग) का ब्रेक-थ्रू करके बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सुरंग टी-14 के ब्रेक-थ्रू के दौरान लाइन और लेवल को सटीक तरीके से हासिल किया गया है।
इसे इरकॉन में इंजीनियर के पद पर कार्यरत कश्मीर के अवंतीपुरा की महिला कर्मचारी इंदु पॉल कौर ने अंजाम दिया है। टी-14 सुरंग की कुल लंबाई 6.284 किमी है। इसके एक छोर पर रियासी और दूसरे छोर पर रामबन जिला है। यह सुरंग पोर्टल रियासी और रामबन जिले के दूरवर्ती गांवों में स्थित हैं, जहां सुरंग निर्माण कार्य शुरू होने से पहले कोई सड़क संपर्क भी नहीं था।
सुरंग टी-14 का दक्षिण पोर्टल (पी-1) लगभग 1070 मीटर की ऊंचाई पर जिला मुख्यालय रियासी (जम्मू-कश्मीर) से 100 किमी की दूरी पर अर्नास तहसील के सवालकोट गांव में स्थित है। जबकि सुरंग का उत्तरी पोर्टल (पी-2) लगभग 1150 मीटर की ऊंचाई पर जिला रामबन की तहसील गूल के इंड गांव में स्थित है।
टी-14 टनल में दो ट्यूब अर्थात मुख्य टनल और दूसरी एस्केप टनल है। सुरंग के निर्माण में एनएटीएम (यानी न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड) पद्धति का इस्तेमाल हुआ है, जो एक अवलोकन और अनुक्रमिक निर्माण पद्धति है। एनएटीएम अलग-अलग भूविज्ञान वाली जमीन और स्तर में सुरंग बनाने के लिए उपयुक्त तरीका है। सुरंग का क्रॉस सेक्शन संशोधित घोड़े की नाल के आकार का है।
इस लंबी सुरंग के निर्माण को सुविधाजनक बनाने के लिए 978 मीटर लंबा प्रवेश मार्ग बनाया गया है और सुरंग के भीतर का रूलिंग ग्रेडियेंट 80 में 1 है और 100 किमी प्रति घंटे की डिजाइन गति की क्षमता रखता है। अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुसार मुख्य सुरंग के समानांतर एस्केप टनल का निर्माण भी जारी है। यह बचाव, राहत और बहाली कार्यों को आसान बनाने के लिए 375 मीटर के अंतराल पर क्रॉस गलियारों से जुड़ी है।
उत्तर रेलवे ने निर्माण का कार्य का जिम्मा दक्षिण पोर्टल (पी-1) से मैसर्स कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन लिमिटेड को और उत्तर पोर्टल (पी-2) से मैसर्स इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड को सौंपा था।
यह सुरंग जटिल भूगर्भीय परिस्थितियों से होकर गुजरती है, जो दक्षिण छोर पर मुरी फॉर्मेशन और उत्तरी छोर पर डोलोमाइट का निर्माण करती है और सुबाथू फॉर्मेशन से अलग होती है। सुरंग निर्माण के दौरान कतरनी क्षेत्र, ज्वलनशील गैसों (मीथेन) का निकलना, जलभृत और अत्याधिक संयुक्त चट्टानों और पानी के अधिक मात्रा में प्रवेश करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है।
उत्तर रेलवे के आरसीएल और इरकॉन के अनुभवी इंजीनियरों की टीम ने सभी चुनौतियों का सफलतापूर्वक सामना किया है और इस महत्वपूर्ण ब्रेक – थ्रू को सफल किया है। इस सुरंग की निर्माण गतिविधियों के दौरान लगभग 65 प्रतिशत श्रमिक स्थानीय थे, जिससे स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा मिला है।
उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना के कुल 272 किमी में से 161 किमी का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया है और रेल परिचालन भी शुरू हो चुका है। कटरा-बनिहाल सेक्शन के बीच शेष 111 किमी के स्ट्रेच का कार्य प्रगति पर है और यह निचले हिमालय के पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरता है। इसमें कई बड़े पुल और लंबी सुरंगें हैं। यहां पर भी कार्य तीव्र गति से चल रहा है।