प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का ब्रिटेन में ही विरोध जारी है। अब ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने भी इस डॉक्यूमेंट्री की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि मोदी के मुख्यमंत्री काल पर बनी यह डॉक्यूमेंट्री अतिश्योक्तियों से भरी पड़ी है। उन्होंने कहा कि बीबीसी ब्रिटिश सरकार का रुख नहीं जाहिर करता। उन्होंने भारत को ब्रिटेन का सच्चा दोस्त बताया।
उन्होंने कहा कि डॉक्यूमेंट्री दुष्प्रचार वीडियो से ज्यादा कुछ नहीं है। यह भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के साथ घटिया पत्रकारिता का एक शर्मनाक उदाहरण है। यह सच्चाई से बहुत दूर है। इसे बीबीसी द्वारा कभी भी प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए था। डॉक्यूमेंट्री बीबीसी द्वारा देखे जाने वाले एक बाहरी संगठन द्वारा बनाई गई थी।
बीबीसी को घेरा
उन्होंने कहा कि यह सच्चाई से बहुत दूर है। इसमें गुजरात दंगों के कारणों पर विस्तार से गौर नहीं किया गया और इस तथ्य पर भी ध्यान नहीं दिया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने नरेंद्र मोदी के खिलाफ सभी दावों की पूरी तरह से जांच की थी और उनके खिलाफ किसी भी तरह सबूत नहीं पाया था। उन्होंने कहा कि बीबीसी ब्रिटिश सरकार का अंग नहीं है। मुझे लगता है कि यह बेहद खेदजनक है क्योंकि ऐसा लगता है जैसे बीबीसी का ब्रिटेन-भारत संबंधों को बाधित करने का कोई एजेंडा था। ब्रिटिश सांसद ने कहा कि इस प्रोपेगैंडा वीडियो में मैं जिस एक बात से सहमत था, वह अंतिम टिप्पणियां थीं, जिसमें कहा गया था कि नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार शायद अगली बार और उसके बाद फिर से चुनी जाएगी।
आयकर के सर्वे पर कही यह बात
बीबीसी इंडिया पर आई-टी सर्वेक्षण पर ब्रिटिश सांसद बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि यह कोई नई बात नहीं है। यह काफी समय से चल रहा है। यह सुनिश्चित करना बीबीसी इंडिया का काम है कि वे नियमों का पालन करें। बीबीसी अधिनियम को सभी रिकॉर्ड और सभी सूचनाओं तक पहुंच प्रदान करने दें और कर अधिकारियों को उनके निष्कर्ष पर आने दें।
लीसेस्टर और खालिस्तान पर भी बोले
पिछले साल ब्रिटेन के लीसेस्टर में भारतीय समुदाय के खिलाफ हिंसा पर बॉब ब्लैकमैन ने कहा कि यह बेहद खेदजनक था और ऐसा नहीं होना चाहिए था। जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन पर कार्रवाई की जा रही है। खालिस्तान मुद्दे पर ब्रिटिश सांसद ने कहा कि एक छोटी सी सिख आबादी है, जो ब्रिटेन में खालिस्तान और खालिस्तानी को बढ़ावा दे रही है। आतंकवाद नहीं,बल्कि यह निश्चित रूप से अव्यवस्था है। इसे भी रोका जाना चाहिए।