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विश्व हिंदू महासंघ ने शहीद दिवस पर किया कवि सम्मेलन

विश्व हिंदू महासंघ ने शहीद दिवस पर किया कवि सम्मेलन – अमर शहीदों के बलिदान को, शहीदी दिवस रूप में मनाए जाने वाले दिवस पर राष्ट्र की बलि वेदी पर प्राणोत्सर्ग करने वाले सभी अमर शहीदों का स्मरण करते हुए विश्व हिंदू महासंघ ने माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री अमर सिंह गंगवार जी के निर्देशानुसार जिलाध्यक्ष श्री भूपेंद्र शर्मा जी के सानिध्य में कवि सम्मेलन का आयोजन किया सर्वप्रथम जिला कार्यालय अपना वाला नोहरा घास की मंडी हाथरस पर वीर शहीदों के छवि चित्रों पर माल्यार्पण कर, अंग वस्त्र ओढ़ा,दीप प्रज्वलित कर मां सरस्वती की वंदना उपरांत कवियों ने विधिवत काव्यपाठ के माध्यम से वीर बलदानियों को याद किया और सभी पदाधिकारियों व उपस्थित सदस्यों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि, पुष्पांजलि अर्पित की गई। वर्ष1931 में इसी दिन सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी दी गई थी ।तीनों को अंग्रेज पुलिस के सुपरिंटेंडेंट अंग्रेज सांडर्स की हत्या का दोषी ठहराया गया था ब्रिटिश सरकार को भय था माहौल बिगड़ने के डर से तीनों अमर शहीदों को तय तारीख से पहले ही फांसी की सजा दे दी गई। अपनी युवा अवस्था में घर परिवार का माया मोह छोड़कर सुख सुविधाओं से वंचित रह कर अनेकों अनेकों कष्टों को भूखे प्यासे जंगलों में खेतों खलिहानों में छुपते छुपाते राष्ट्र के प्रति समर्पण भाव लिए विषम परिस्थितियों में भी अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन में रातों दिन संघर्ष करते हुए देश को स्वतंत्र कराने में जिन्होंने अपने प्राण त्याग दिए । उनके बलिदान को धरती, नदियों,सूरज चांद की स्थिति तक भुलाया नही जा सकता।आज हमें स्वतंत्र भारत में स्वतंत्रता पूर्वक स्वच्छंद वातावरण में वितरण करने का सुख प्राप्त हो रहा है किन्तु विचारणीय है क्या हम वास्तव में स्वतंत्र हैं???? जिन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया राष्ट्र पर क्या हम उनको सच्चे हृदय से कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं ???? चिन्तनीय है। उच्च पदों पर आसीन राजनयिक राजनेता प्रशासनिक अधिकारी अधिकांशतः येन केन प्रकारेण अपनी ही झोली व कोठी भरने में लगे हैं । असंख्य परिवारों के लाल भारत माता के आन बान शान के लिए जूझे, मर मिटे, आज उनके परिवारों की जो स्थिति व दुर्गति है कोई संज्ञान लेने वाला नहीं है ।यह चिंतनीय है कवियों ने कविता में यही भाव लिए काव्य पाठ किया।जीवन के बहुमूल्य समय को देश पर होम करने वाले उन अमर जवानों को विश्व हिंदू महासंघ हाथरस सदैव याद करता रहेगा उनके पद चिन्हों पर चलते हुए हिन्दू मान्यताओं, परम्पराओं, मानबिन्दुओं, राष्ट्र ,धर्म ,संस्कार और संस्कृति रक्षक बन संकल्पित होकर कार्य करते रहेंगे। विश्व हिंदू महासंघ के आयोजकत्व में वरिष्ठ कवयित्री बहन मनु दीक्षित के संयोजन में आशु कवि अनिल बोहरे की अध्यक्षता में प्रख्यात कवि श्याम बाबू चिंतन, प्रदीप अंजाना ,देवेश सिसोदिया, डॉ उपेंद्र झा, राणा मुनि प्रताप, दीपक रफी आदि कवियों ने ओजस्वी वाणी में वीर रस के साथ साथ गंभीर और हास्य रस का पाठ किया।संचालन एवं आभार माना कवि पं मनोज कुमार द्विवेदी जिलाध्यक्ष धर्माचार्य प्रकोष्ठ ने । काव्यगोष्ठी में विश्व हिंदू महासंघ के मुख्य रूप से राजकुमार पाठक, भूपेंद्र कुमार शर्मा, शालिनी पाठक, विशाल वार्ष्णेय अपना वाले, हरेंद्र चौधरी ,दीपक यादव, डॉ राजेश शर्मा, डॉ कैलाश शर्मा, राम वर्मा, अंकित मित्तल, ललित चौधरी ,रोबिन शर्मा ,जीतू चौधरी, विवेक चौधरी मातृ शक्तियां पूनम शर्मा मनीषा गोस्वामी कंचन शुक्ला, ,गुड़िया सिंह एवं प्रांत पदाधिकारी जिला कार्यकारिणी एवं नगर कार्यकारिणी के दायित्व वान पदाधिकारियों के साथ साथ भारी संख्या में श्रोता गण उपस्थित रहे।

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